पिलानी (राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला): पिलानी पंचायत समिति में बिना स्टैंडिंग कमेटी के अप्रूवल के 1.85 करोड़ के कामों की स्वीकृति जारी कर दी गई। कमेटी के सदस्यों ने इस मामले में नियमों की अनदेखी करने और भ्रष्टाचार के आरोप पंचायत समिति बीडीओ व प्रधान पर लगाए हैं। पिलानी पंचायत समिति की स्टैंडिंग कमेटी में 5 सदस्य हैं, जिनमें से 3 सदस्य विरोध में खुलकर सामने आ गये हैं। स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों ने ही ये खुलासा मीडिया के सामने किया। भाजपा के पंचायत समिति सदस्य राजेन्द्र नेहरा देवरोड़, राजकुमार फौजी घंडावा (भाजपा), अरविन्द सैनी तिगियास (भाजपा), शीशराम तनानिया डुलानिया, रामपाल सिंह हाथी (भाजपा), बीडीसी प्रतिनिधि दोबड़ा, सूबे सिंह भटइया प्रतिनिधि झेरली, प्रवीण सिंह शेखावत (भाजपा) प्रतिनिधि बनगोठड़ी ने मीडिया के समक्ष अपना पक्ष रखा। स्टैंडिंग कमेटी में प्रस्ताव का विरोध करने वाले 3 सदस्य और 2 अन्य प्रतिनिधि इस दौरान मौजूद रहे। बीडीसी राजेन्द्र नेहरा ने बताया कि पंचायत समिति द्वारा क्षेत्र में 1.85 करोड़ रुपए अनुमानित लागत के इंटर लॉक सड़क, चारदीवारी निर्माण तथा नलकूप आदि के कार्य अलग-अलग पंचायतों में करवाए जाने के प्रस्ताव बनाए गए थे। इन सभी कामों के लिए वित्तीय स्वीकृति 27 जून को ही जारी कर दी गई, जबकि इनके अनुमोदन के लिए स्टैंडिंग कमेटी की बैठक 1 जुलाई को आयोजित की गई है। राजेन्द्र नेहरा ने बताया कि वित्तीय स्वीकृति जारी होने के बाद इनके अनुमोदन के लिए स्टैंडिंग कमेटी की बैठक बुलाए जाने का कोई औचित्य नहीं रह जाता है। पंचायत समिति सदस्य राजकुमार फौजी ने बताया कि नियम विरुद्ध वित्तीय स्वीकृति जारी होने की जानकारी मिलने पर जिला परिषद सीईओ को इसके बारे में लिखित शिकायत दी गई थी, इसके बाद ही स्टैंडिंग कमेटी की बैठक बुलाई गई। बैठक में इन प्रस्तावों के पक्ष में 2 और विरोध में 3 वोट डाले गए।
*प्रस्ताव के पक्ष में वोटिंग के लिए धमकाने का आरोप*
स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में शामिल हुए बीडीसी अरविन्द सैनी ने मीडिया के सामने आरोप लगाया कि बैठक के दौरान पहुंचे अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य पवन मावंडिया ने उन्हें बैठक से बाहर बुलाया और प्रस्ताव के पक्ष में वोटिंग करने के लिए दबाव बनाया। अरविन्द सैनी ने बताया कि ओबीसी आयोग सदस्य पवन मावंडिया ने खिलाफ जाने पर अंजाम भुगतने की चेतावनी दी। पवन मावंडिया से हमने इस मुद्दे पर बात करने की कोशिश की, लेकिन वे प्रतिक्रिया के लिए उपलब्ध नहीं हो पाए।
*बहुमत के अभाव में सभी प्रस्ताव निरस्त हुए*
विकास अधिकारी रोहिताश्व ने बताया कि प्रधान बिरमा देवी ने कहा था कि स्टैंडिंग कमेटी की सहमति मिल जाएगी, इसके बाद ही प्रस्ताव बनाए गए थे लेकिन स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में बहुमत नहीं मिल पाया, इसलिए सभी प्रस्ताव निरस्त हो गए हैं।