बहुचर्चित किशन सालवी आत्महत्या मामला: एडीजे कोर्ट ने भी खारिज की आत्महत्या के लिए उकसाने की आरोपी अनिता राज की जमानत याचिका

AYUSH ANTIMA
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भीलवाड़ा (मनोज शर्मा): भीलवाड़ा जिले के कोशीथल निवासी किशन सालवी आत्महत्या मामले में एक अहम मोड़ आया है। गुरुवार को गंगापुर स्थित अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) ने आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार अनिता राज पत्नी सुशील कुमार की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया। इससे पहले आरोपी की जमानत अर्जी एसीजेएम कोर्ट से भी खारिज हो चुकी थी। इस प्रकरण में आरोपी की ओर से दिल्ली से आए अधिवक्ता ने बुधवार को जमानत याचिका दाखिल की थी। वहीं, परिवादी पक्ष की ओर से अधिवक्ता विष्णु सुहालका ने जमानत का विरोध करते हुए न्यायालय में तर्क प्रस्तुत किए। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने आरोपी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया।

*आत्महत्या से पहले लिखी थी डायरी और सुसाइड नोट*

गौरतलब है कि 4 फरवरी को कोशीथल निवासी किशन सालवी ने आत्महत्या कर ली थी। आत्महत्या से पूर्व उसने सुसाइड नोट और अपनी डायरी में आत्महत्या के लिए मजबूर करने वालों के नाम लिखे थे। इसमें दक्षिणी दिल्ली के जुगनपुरा निवासी अनिता राज पत्नी सुशील कुमार, चित्तौड़गढ़ के ओमप्रकाश गर्ग, मुकेश गर्ग और चंदन गर्ग को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया गया था। इसके आधार पर 5 फरवरी को रायपुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी।

*डीजीपी से की थी गिरफ्तारी की मांग*

मृतक किशन सालवी के भाई लखन सालवी ने हाल ही में 18 जून को जयपुर जाकर डीजीपी और एडीजीपी (अपराध) को परिवाद सौंपा था। इसमें आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी और मामले की सीआईडी (सीबी) से जांच कराने की मांग की गई थी। इसके दो दिन बाद 20 जून को पुलिस ने मुख्य आरोपी अनिता राज को गिरफ्तार किया था। उसे 3 दिन के पुलिस रिमांड पर रखकर पूछताछ की गई, जिसके बाद न्यायालय ने उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया।

*अब भी तीन आरोपी फरार*

मामले में अभी भी तीन आरोपी ओमप्रकाश गर्ग, मुकेश गर्ग और चंदन गर्ग दृ फरार हैं। मृतक के परिजनों का कहना है कि सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के बिना उन्हें न्याय नहीं मिलेगा। साथ ही उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग दोहराई है।

*जन आक्रोश और न्याय की मांग*

किशन सालवी की आत्महत्या ने इलाके में आक्रोश फैला दिया था। परिजनों और ग्रामीणों ने कई बार प्रदर्शन कर निष्पक्ष जांच और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है। अब जबकि अदालत ने आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी है, मृतक परिवार को उम्मीद है कि बाकी आरोपियों की भी जल्द गिरफ्तारी होगी। परिवादी पक्ष के अधिवक्ता विष्णु सुहालका ने कहा कि इस निर्णय से पीड़ित परिवार को न्याय मिलने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ा है। पुलिस व न्यायालय से न्याय की पूरी उम्मीद की जा रही है।

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