झुंझुनूं में जल निकासी व्यवस्था फेल: तीन फीट पानी में डूब जाता है शहर, नगर परिषद के दावे खोखले

AYUSH ANTIMA
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झुंझुनूं (राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला): मानसून की दस्तक से पहले ही झुंझुनूं शहर की जल निकासी व्यवस्था की पोल खुल गई है। नगर परिषद के सफाई के दावों के बावजूद शहर के प्रमुख इलाकों में नालों की हालत बदतर बनी हुई है। हर साल की तरह इस बार भी प्रशासन की लापरवाही के चलते शहर में जलभराव की गंभीर आशंका है। नगर परिषद के अनुसार शहर में कुल 22 बड़े-छोटे नाले हैं लेकिन इनमें से अधिकांश अभी तक गंदगी से अटे पड़े हैं। यदि भारी बारिश हुई, तो कई कॉलोनियों और बाजारों में 3 से 4 फीट तक पानी भरना तय है। रोड नंबर 1 स्थित कर्नल जेपी जानू स्कूल के सामने का नाला पूरी तरह जाम है। बारिश में यहां इतना पानी भर जाता है कि बच्चे स्कूल नहीं पहुंच पाते और आसपास के दुकानदारों को अपने प्रतिष्ठान बंद करने पड़ते हैं। इसी तरह गांधी चौक, पंचदेव मंदिर, खेमी सती मंदिर और हवाई पट्टी क्षेत्र में हर साल जलभराव की समस्या आती है। हवाई पट्टी क्षेत्र के दुकानदार केसर देव बताते हैं, “थोड़ी सी बारिश में पूरा क्षेत्र तालाब बन जाता है। हर साल शिकायत करते हैं पर कोई समाधान नहीं होता।” नगर परिषद आयुक्त दिलीप पूनिया का दावा है कि “सफाई कार्य पिछले एक सप्ताह से चल रहा है और हवाई पट्टी क्षेत्र की सफाई पूरी कर ली गई है। रोड नंबर 3 का मुख्य नाला भी अंतिम चरण में है लेकिन ग्राउंड पर सच्चाई कुछ और ही है। हवाई पट्टी के टेंपो चालक महेश का कहना है, “बरसात में यहां 2 से 3 फीट पानी भर जाता है। टेंपो चलाना मुश्किल हो जाता है और सवारियां मिलना बंद हो जाती हैं।” एक नंबर रोड पर स्थित पोस्ट ऑफिस के पास का नाला भी गंदगी से भरा है। यहां दुकानदारों को बदबू, मच्छरों और बीमारियों से दो-चार होना पड़ रहा है। स्थानीय लोग बताते हैं कि सफाई कर्मचारी कब आते हैं, इसका कोई हिसाब नहीं है। हर साल झुंझुनूं शहर जलभराव और अव्यवस्थित नालों की समस्या से जूझता है लेकिन नगर परिषद की ओर से स्थायी समाधान अब तक नहीं निकल पाया है। अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो इस मानसून में शहर एक बार फिर पानी-पानी होगा।

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