महिलाओं को आत्मनिर्भर और ‘लखपति दीदी’ बनाने के साथ-साथ बच्चों को डिजिटल ज्ञान मुहैया करा रहा है वी-शक्ति ट्रस्ट

AYUSH ANTIMA
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अलवर (ब्यूरो): हसन खां मेवाती नगर में वी-शक्ति ट्रस्ट के कार्यालय एवं प्रशिक्षण केंद्र का विधिवत उद्घाटन जिला कलेक्टर आर्तिका शुक्ला द्वारा किया गया। उद्घाटन से पूर्व तुलसी पूजन कर तुलसी का पौधा भी रोपा गया। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न क्षेत्रों से आई महिलाओं और बालिकाओं को डॉक्टरों द्वारा माहवारी के बारे में जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया कि इस प्राकृतिक प्रक्रिया के दौरान महिलाओं को न तो घबराना चाहिए और न ही शर्म महसूस करनी चाहिए। वी-शक्ति ट्रस्ट की अध्यक्ष प्रज्ञा यादव ने बताया कि ट्रस्ट का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। उन्होंने कहा कि पहले महिलाएं केवल हाथ से काम करने तक सीमित थीं। जैसे मिट्टी के बर्तन बनाना या सिलाई करना लेकिन आज की महिलाएं कंप्यूटर, अंग्रेजी और डिजिटल दुनिया में अपनी जगह बनाना चाहती हैं। वी-शक्ति ट्रस्ट उन्हें विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है। उन्होंने बताया कि ट्रस्ट ने रिटायर्ड महिलाओं और पुरुषों के लिए एक ‘गौशाला लाइब्रेरी’ की भी स्थापना की है, जहां वे अपने खाली समय में जाकर गीता और गोपाल के पाठ पढ़ सकते हैं। बच्चों के लिए कंप्यूटर शिक्षा हेतु ‘ई-गुरुकुल’ और ‘ई-लाइब्रेरी’ की शुरुआत की गई है, जहाँ उन्हें डिजिटल ज्ञान प्रदान किया जा रहा है। इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों के लिए ‘ज्ञान वाहन’ संचालित किया जा रहा है, जिसमें डिजिटल सुविधाओं से युक्त पुस्तकें हैं जो बच्चों को तकनीकी रूप से सशक्त बना रही हैं। उन्होंने बताया कि वी-शक्ति ट्रस्ट द्वारा अलवर के विभिन्न क्षेत्रों में लघु मेलों का आयोजन किया गया था, जिसमें महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु प्रशिक्षण, निःशुल्क स्वास्थ्य जांच और विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। इन मेलों में महिलाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। अलवर सांसद खेल उत्सव की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि इस वर्ष आयोजित हुए कार्यक्रम में लगभग 13,000 बच्चों ने हिस्सा लिया। उनमें से 700 विजेता बच्चों (लड़के और लड़कियाँ) के लिए 1 जून से समर कैंप आयोजित किया जा रहा है। इस कैंप में देशभर से श्रेष्ठ कोच आमंत्रित किए गए हैं, जो प्रतिभागियों को उच्चस्तरीय प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। इसके अतिरिक्त, इस शिविर में बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ाने हेतु विभिन्न गतिविधियाँ भी करवाई जाएंगी। उन्होंने महिलाओं के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि हम वो किरण हैं, जो अंधेरे में जलती हैं, हर चुप्पी से निकलकर एक आवाज़ बनती हैं। हमारे हाथों में हुनर की रेखा है, हर बस्ती, हर गली में उम्मीद की लेखा है। कभी तोरण, कभी कमल, कभी खेल की राह, हमने चुनी है अपनी खुद की पनाह। एक साथ, एक स्वर, एक नई कहानी, हम हैं वी-शक्ति, हम हैं नारी की निशानी।
उल्लेखनीय है कि वी-शक्ति ट्रस्ट महिलाओं को विभिन्न प्रकार का प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने का कार्य कर रहा है।
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