नैमिषारण्य तीर्थ/सीतापुर: भगवान श्रीजगन्नाथ के द्वितीय पाटोत्सव एवं श्री लक्ष्मीनारायण यज्ञ के साथ संगीतमय नौ दिवसीय श्रीराम कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन सुप्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर में शुरू किया गया। व्यास पीठ से जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी रामचन्द्राचार्य ने श्रीराम कथा के चतुर्थ दिवस मंगलवार को श्रौताओं को कहा कि ईश्वर के विषय में विचार करने की क्षमता किसी के पास नहीं है। किसी अन्य के पास योग्यता भी नहीं है। उन्होंने धर्म के बारे में श्रोताओं को कहा कि बिना योग्यता के विचार नहीं करना चाहिए। उन्होंने रावण का उदाहरण देते हुए कहा कि रावण ने विचार किया होता लेकिन नहीं किया। स्वामी जी ने भक्तों से सलाह दी कि झूठे चमत्कारों से प्रभावित नहीं होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि बुद्धि का शोधन उसकी योग्यता से होता है। श्रोताओं की बुद्धि में सुमित हो, सती ने राम कथा नहीं सुनी।
जगद्गुरु ने राम कथा के दौरान श्रोताओं से कहा कि किसी भी धर्म का लक्ष्य परमात्मा की भक्ति है। उन्होंने धर्म के उद्देश्य में बताया कि यज्ञ, तप, जप एवं अनुष्ठान ही इनकी सार्थकता है, जो भगवान से जोड़े रखती हैं।
उन्होंने कहा कि ईश्वर की परीक्षा लेने वाला कोई नहीं है। अभिव्यक्ति की आज़ादी, विचारों की आज़ादी सभी को है। स्वामी जी ने कहा कि ईश्वर के विषय में विचार करने की भी योग्यता किसी के पास नहीं, किसी अन्य के पास योग्यता नहीं है।
महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या पर जगन्नाथ मंदिर में कथा की भीड़ बढ़ गई। जगन्नाथ मंदिर में प्रतिदिन श्रीराम कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन मंदिर के प्रांगण में मध्याह्न 3 बजे से सांयकाल 6 बजे तक किया जा रहा हैं। यजमान पुजारी रामदास ने कथा की शुरुआत श्रीरामचरितमानस की पूजा व आरती से की, अंत में पुनः आरती श्रीराम कथा की, पश्चात भक्तों को प्रसाद वितरित किया। ज्ञातव्य हो कि कथा श्रवण करने के लिए देश-विदेश में लाइव प्रसारण के माध्यम से देखा जा रहा है। संगीतमय राम कथा में सतपाल महाराज द्वारा तबला पर संगत कर रहे हैं, वहीं आर्गन पर स्वामी अम्लदास महाराज गोवर्धन द्वारा संगी बजाया जा रहा है। इस मौक़े पर भक्तों को सुमधुर भजनों को सुनाकर सब को मंत्रमुग्ध कर रहे हैं। वहीं कथा श्रवण करने में सम्मिलित हुए झालरियामठ के पीठाधीश्वर स्वामी भूदेवाचार्य, स्वामी अनिरूध्द, स्वामी चतुर्भुज दास महाराज, नन्दकिशोर शास्त्री, विमल प्रकाश मिश्रा, आलोक मिश्रा, हरिओम मिश्रा, आचार्य ध्रुव एवं भानु मिश्रा आदि के अलावा हज़ारों महिला-पुरूषों ने श्रीराम कथा का श्रवण कर लाभ उठाया है।
*आज से होगा लक्ष्मी नारायण यज्ञ का आयोजन*
महाशिवरात्रि पर पाँच दिवसीय लक्ष्मी नारायण यज्ञ का आयोजन भगवान जगन्नाथ मंदिर के प्रांगण में बनी यज्ञ शाला में किया जायेगा। जगद्गुरु स्वामी रामचन्द्राचार्य ने बताया कि इस यज्ञाग्नि आयोजन देश की ख़ुशहाली अमन चैन के साथ वायुमंडल के वातावरण के शुद्धीकरण हेतु किया जा रहा है। बताया जाता है कि इस पाँच दिवसीय यक्ष का शुभारंभ बुधवार से किया जा रहा है, वहीं यज्ञ की पूर्णाहुति रविवार को होगी। यज्ञ सामग्री को हरि ओम शास्त्र व आलोक मिश्रा द्वारा तैयार किया जा चुका है। भगवान जगन्नाथ के पाट्टोत्सव में आये हज़ारों श्रद्धालुओं द्वारा आहुतियां जगद्गुरु स्वामी रामचंद्राचार्य द्वारा विद्वान पंडितों के मंत्रोचारण आहुतियां दिलाई जाएगी।