अलवर ): नवसृजित मालाखेड़ा पंचायत समिति मे बनाए गए नए राजस्व गांव तथा ग्राम पंचायत की आबादी के आधार पर सही परिसीमन बिना किसी राजनीतिक दबाव के किए जाएं तो दो से तीन नई ग्राम पंचायत का नव सृजन हो सकता है तथा पिछले परिसीमन के दौरान बनाई गई ग्राम पंचायत में शामिल गांव की दूरी जनसंख्या पर मशक्कत की जाए तो गांव की सही सरकार बन सकती है। पिछली सरकार के दौरान कई ग्राम पंचायत में ऐसे गांव शामिल कर दिए, जो 3 किलोमीटर से अधिक दूरी की ग्राम पंचायत में जाने को मजबूर है। ऐसे गांव को नजदीक की ग्राम पंचायत में शामिल कर सही विकास की दिशा दी जा सकती है। राजस्थान सरकार के शासन सचिव ने जिला कलेक्टर अलवर की ओर से भेजे गए नवीन राजस्व गांव बनाने को स्वीकृति दी है। जिसमें उपखंड मालाखेड़ा की ग्राम पंचायत माधोगढ़ के इंदौक राजस्व गांव की जनसंख्या 2611, जिसका भूमि क्षेत्रफल 2399 पॉइंट 20 हेक्टेयर है। जुड़े हुए छोटे इंदौक को नवीन राजस्व गांव बनाया है। इस प्रकार से नवीन गांव की जमाबंदी खसरे नंबर व नक्शे भू अभिलेख जिला कलेक्टर के निर्देश पर तैयार किए गए हैं। इसी प्रकार से मालाखेड़ा में नवीन राजस्व गांव नंदगांव बनाया है। केरवाड़ा में ढ़िवरवास तथा मीनावास दो नवीन गांव बनाए हैं। भड़कोल में अहीर का तिबारा व केरवावाल में कागपुर।
माधोगढ़ ग्राम पंचायत मे फिलहाल करीब 7105 जनसंख्या है, जबकि नए नियम के अनुसार साढे 5000 जनसंख्या ही रहनी चाहिए, जिसमें करीब 5 किलोमीटर से अधिक दूर गांव इंदौक शामिल है। इस गांव में दो पास के गांव शामिल कर इसे नई ग्राम पंचायत का दर्जा दिया जा सकता है। जहां तीन गांव शामिल करने पर इंदौक ग्राम पंचायत में ग्रामीण विकास पंचायती राज अधिनियम के तहत नई पंचायत के गठन की जनसंख्या के नियम को पूरा करते हैं। तहसीलदार मालाखेड़ा मेघा मीणा का कहना है राजस्व गांव ग्राम पंचायत की जनसंख्या पर एक्सरसाइज कर उनकी रिपोर्ट तैयार कर ग्राम पंचायत चुनाव के उप रजिस्ट्रीकरण अधिकारी मालाखेड़ा को शीघ्र ही प्रस्तुत की जाएगी।