कोटपूतली जिला मुख्यालय पर डीजे कोर्ट खुलवाने की मांग

AYUSH ANTIMA
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*कोटपूतली ज


कोटपूतली  नवगठित जिला कोटपूतली-बहरोड़ में जिला एवं सत्र न्यायालय कहां खोला जायें, इसका विवाद तूल पकड़ता जा रहा है। नवगठित जिले में कोटपूतली एवं बहरोड़ के अधिवक्ताओं द्वारा अपने-अपने मुख्यालय पर जिला एवं सत्र न्यायालय व इसके समकक्ष न्यायालयों को खोले जाने की मांग की जा रही है। इसको लेकर जहाँ बहरोड़ में अधिवक्ता पेन डाउन हड़ताल पर चले गये है। वहीं मंगलवार को जिला अभिभाषक संघ, कोटपूतली द्वारा राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, विधि मंत्री जोगाराम पटेल एवं जिला व सत्र न्यायाधीश जयपुर समेत अन्य को ज्ञापन सौंपे जाने के बाद बुधवार 12 फरवरी को कोटपूतली के वकील भी आगामी 15 फरवरी तक पेन डाउन हड़ताल पर चले गये है। हालांकि राज्य सरकार ने नवगठित जिले का मुख्यालय कोटपूतली को मानते हुये यहाँ जिला कलक्टर एवं जिला पुलिस अधीक्षक, जिला परिवहन कार्यालय, जिला मुद्रांक कार्यालय व कोषालय समेत अन्य कई मुख्य कार्यालयों को पहले से ही कोटपूतली में खोला है। पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के समय में कोटपूतली में जिला एवं सत्र न्यायालय खोले जाने के लिये कस्बे की पुरानी सब्जी मण्डी स्थित राजकीय कन्या पाठशाला को अस्थाई भवन के तौर पर चिन्हित भी कर लिया गया था एवं जिला न्यायालय के निर्माण हेतु कालुहेड़ा में अन्य कार्यालयों के साथ भूमि भी आवंटित कर दी गई थी। लेकिन जिला गठन के डेढ़ वर्ष बीत जाने के बावजुद भी यहाँ डीजे कोर्ट नहीं खोला जा सका है। अभी तक जिला एवं सत्र न्यायालय जयपुर एवं अलवर के तहत कार्य कर रहे कोटपूतली बहरोड़ जिले का नया जिला एवं सत्र न्यायालय स्थापित किया जाना है। आने वाले मार्च माह में नवगठित जिले का डीजे कोर्ट स्थापित किये जाने की सम्भावनायें जताई जा रही है। चर्चा इस बात की भी है कि राज्य सरकार के इसी बजट में जिला एवं सत्र न्यायालय के लिये अस्थाई तौर पर भवन चिन्हित कर उसकी स्थापना एवं मरम्मत के लिये बजट जारी किया जायेगा। हालांकि स्थाई भवन का निर्माण आवंटित भूमि पर मिनी सचिवालय के निर्माण जिसमें जिला कलेक्ट्रेट समेत अन्य कई जिला स्तरीय कार्यालय होगें, उनके साथ ही हो सकेगा। लेकिन फिलहाल अस्थाई तौर पर डीजे कोर्ट कोटपूतली या बहरोड़ में से कहां खोला जायें इसको लेकर गतिरोध बना हुआ है। अब देखना यह है कि कोटपूतली व बहरोड़ के अधिवक्ताओं के बीच छिड़ी जंग को कौन जीतेगा यह तो समय ही बतायेगा, फिलहाल दोनों संघ अपनी-अपनी ताकत को आजमाने में जुटे हुये है। 

*जिला कलेक्ट्रेट पर दिया धरना, कलेक्टर के खिलाफ जमकर की नारेबाजी*

वहीं दुसरी ओर डीजे कोर्ट कोटपूतली में खुलवाने की मांग को लेकर आक्रोशित अधिवक्ता बुधवार तडक़े अपर जिला एवं सत्र न्यायालय में कार्य का बहिष्कार कर जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल को ज्ञापन देने के लिये नगर के मुख्य मार्गो से पैदल मार्च एवं नारेबाजी करते हुये संघ के अध्यक्ष एड.उदयसिंह तंवर के नेतृत्व में जिला कलेक्ट्रेट पहुँचे। जहाँ जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल को ज्ञापन देने के लिये अधिवक्ता उन्हें नीचे परिसर में बुलाये जाने की मांग करने लगे। इसी बीच कलेक्टर अग्रवाल ने 05 अधिवक्ताओं के कार्यालय में आकर ज्ञापन देने की बात कही तो आक्रोशित अधिवक्ता और भडक़ गये एवं जिला कलेक्टर को ही मौके पर बुलाकर ज्ञापन देने की मांग करते हुये धरने पर बैठ गये। इस दौरान गुस्साये अधिवक्ताओं ने जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल के विरूद्ध जमकर नारेबाजी भी की। किन्तु कलेक्टर ने वहाँ आने से मना कर दिया। जिसके बाद अधिवक्ता नारेबाजी व भाषण भी देने लगे। अधिवक्ताओं का कहना था कि कोटपूतली के विरूद्ध षड्यंत्र रचा जा रहा है। राज्य सरकार ने पूर्व में ही कोटपूतली को नवगठित जिले का मुख्यालय मानते हुये कलेक्टर-एसपी के कार्यालय खोल दिये थे एवं डीजे कोर्ट हेतु अस्थाई तौर पर भवन को भी चिन्हित कर लिया गया था, लेकिन अब डीजे कोर्ट को बहरोड़ ले जाने का षड्यंत्र रचा जा रहा है, जो कि वकीलों के साथ-साथ पक्षकारों व आम जनता के लिये भी भारी परेशानी का सबब बना हुआ है। संघ के अध्यक्ष एड.उदयसिंह तंवर ने बताया कि इसे किसी भी सुरत में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। अभिभाषक संघ द्वारा आगामी 15 फरवरी तक न्यायिक कार्यो की पेन डाउन हड़ताल कर दी गई है, साथ ही गुरूवार से धरना प्रदर्शन भी शुरू किया जायेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कोटपूतली में जिला एवं सत्र न्यायालय खोले जाने की घोषणा इसी बजट में करते हुये पूर्व में चयनित भवन में ही स्थाई निर्माण होने तक जिला एवं सत्र न्यायालय व इसके समकक्ष न्यायालयों को खोला जायें। जब तक यह मांग पुरी नहीं होगी तब तक अधिवक्ता शांत नहीं बैठेगें। इस दौरान जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय में आयोजित नगर परिषद की बजट बैठक में भाग लेने आये विधायक हंसराज पटेल को अधिवक्ताओं ने ज्ञापन भी सौंपा। पटेल ने कहा कि डीजे कोर्ट हर सुरत में कोटपूतली में ही खोला जायेगा। प्रदर्शन के दौरान एडीएम ओमप्रकाश सहारण व एसडीएम बृजेश चौधरी भी वकीलों के साथ समझाईश के लिये आये, लेकिन गुस्सायें अधिवक्ताओं ने उन्हें ज्ञापन देने से मना कर दिया एवं जिला कलेक्टर को ही ज्ञापन देने की मांग पर अड़े रहे। बाद में जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल मौके पर पहुँची, जिन्हें अभिभाषक संघ ने ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि कोटपूतली-बहरोड़ के जिला गठन को एक वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है। इस दौरान जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक, जिला परिवहन कार्यालय, जिला मुद्रांक कार्यालय व कोषालय समेत अन्य कार्यालय कोटपूतली में ही खोले गये है। लेकिन जिला एवं सत्र न्यायालय समेत समकक्ष न्यायालयों का खोले जाना अभी शेष है। जिससे अधिवक्ता, पक्षकारान व आमजन को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। कोटपूतली मुख्यालय पर समस्त जिला कार्यालयों के लिये 200 बीघा जमीन आंवटित की जा चुकी है। जो कि पनियाला क्षेत्र में स्थित है, जहाँ से बहरोड़ समेत बानसूर, विराटनगर, पावटा आदि जगहों पर आवागमन मध्य में होने के कारण सुगम है एवं सुविधाजनक स्थान है। ऐसे में न्याय हित व आमजन के हितों को देखते हुये कोटपूतली में ही जिला एवं सत्र न्यायालय खोला जायें। इस दौरान संघ के अध्यक्ष एड.उदयसिंह तंवर समेत उपाध्यक्ष रंजीत सिंह वर्मा, सचिव हेमंत शर्मा, कोषाध्यक्ष दिनेश कुमार शर्मा, वरिष्ठ अधिवक्ता जितेन्द्र रावत व रीछपाल सिंह चौधरी, पूर्व अध्यक्ष एड.दयाराम गुर्जर व एड.राजेन्द्र चौधरी, प्रभा अग्रवाल, एपीपी योगेश सैनी, एड.राजेन्द्र रहीसा, एड.मुकेश चनेजा, एड.गोविन्द रावत, एड.समर यादव, सुभाष गुर्जर, राजकुमार सोनी, ललित शर्मा समेत बड़ी संख्या में अधिवक्तागण मौजूद रहे। इस बाबत पूर्व में संघ के अध्यक्ष रहे एड.दयाराम गुर्जर ने केन्द्रिय कानून एवं विधि मंत्री को भी ज्ञापन सौंपा था। 

*कमेटी का किया गठन*

डीजे कोर्ट की मांग का आन्दोलन चलाने के लिये एक कमेटी का गठन भी किया गया है। जिसमें सुरेश चंद मीणा, प्रेमप्रकाश शर्मा, राजेन्द्र चौधरी, गोविन्द रावत, राजेन्द्र रहीसा, प्रदीप चौधरी, अशोक रहीसा, अंकित स्वामी, अनिल आर्य, विकास मीणा, हितेष यादव, दिनेश अग्रवाल, उम्मेद सिंह बडगुर्जर, रत्नेश्वर यादव, सुभाष चंद यादव, राकेश शर्मा, अशोक आर्य, शिवकुमार शर्मा, हरचंद दहमीवाल, सुभाष मीणा, मनीष मुक्कड़ आदि अधिवक्ताओं को शामिल किया गया है। कमेटी द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि जो भी अधिवक्ता हड़ताल का उल्लंघन करेगा उस पर जुर्माना लगाया जायेगा। संघ के सदस्यों द्वारा गुरूवार को आन्दोलन की रूपरेखा तय की जायेगी।

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