राजस्थान बजट और झुन्झुनू जिला

AYUSH ANTIMA
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राजस्थान की डबल इंजन सरकार ने अपना बजट प्रस्तुत किया कि नहीं इसके कसीदे पढ़ने की बाढ आ गई। बजट किसानों, दलितो, युवाओं, महिलाओं को लेकर बनाया गया है। यह बजट सुदृढ़ राजस्थान की नींव रखने में मील का पत्थर साबित होगा आदि अलंकरणों से इस बजट को विभूशित किया गया। झुंझुनू की बात करें तो विधायक ने झुन्झुनू को इस बजट में बहुत सौगात दी। इसके लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। अब यह सौगाते क्या है यह तो माननीय विधायक ही बता सकते हैं। बजट में सड़कों का प्रावधान करना एक सामान्य प्रक्रिया है, इसमें कोई सौगात वाली बात कहां से आ गई। झुंझुनू के विधायक भाजपा से है और सबसे बड़ी बात यह भी है कि कांग्रेस के अजेय दुर्ग को ध्वस्त करके विजय प्राप्त की है। इसके बावजूद झुंझुनूं को मिला क्या बाबाजी का ठुल्लू। आयुष अंतिमा (हिन्दी समाचार पत्र) ने आवाम की आवाज बनकर सरकार तक पहुंचाने में अहम भूमिका अदा की है। शायद उन्हीं मुद्दों को माननीय विधायक ने बजट पर हो रही बहस में विधानसभा में उठाए। माननीय विधायक से झुंझुनू विधानसभा की आवाज बनकर मुख्यमंत्री के समक्ष अपने मुद्दों को रखा। झुंझुनू में रेलवे क्रासिंग मुंह बाए खड़ा है, मुख्यालय पर एक इन्जिनियरिंग महाविद्यालय की बहुत जरूरत है, शौर्य उधान का सौंदर्यीकरण, बालिका सैनिक स्कूल। इसके साथ ही झुंझुनूं में एक सशक्त ड्रेनेज सिस्टम की आवश्यकता है क्योंकि बरसात के दिनों में झुंझुनूं के मुख्य मार्ग गंदे पानी की झील में तब्दील हो जाते है। झुंझुनू विधानसभा के लिए एक अहम मुद्दा, जिसको उपचुनावों में भाजपा ने हथियार बनाया था। यमुना जल के पानी को लेकर भी विधायक महोदय ने पूरजोर मांग रखी लेकिन मांग रखना ही कर्तव्यों का निर्वहन नहीं होता। विदित हो सरकारी किसी भी परियोजना के बजट में धन का प्रावधान करना होता है तभी उस परियोजना का धरातल पर आना संभव होता है। विधायक महोदय ने जनता के प्रति जो संवेदनशीलता का परिचय दिया, उसके लिए साधुवाद के पात्र हैं। झुंझुनू का आवाम कागजों पर नहीं बल्कि धरातल पर काम हो तभी उनके प्रयास सार्थक मानें जायेगे। इसके साथ ही उपरोक्त सभी परियोजना झुंझुनूं में आने के बाद ही कहना उचित होगा कि झुंझुनूं को इस बजट में अनगिनत सौगातें मिली है। सड़कें मिलना हर सरकार की सामान्य प्रक्रिया में आता है, इन्हें अनगिनत सौगात कहकर महिमा मंडित न करें ।

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