अलवर: प्रभारी मंत्री डॉ.किरोड़ी लाल मीणा रविवार को अलवर पहुंचे। उन्होंने राजस्थान सरकार के दो साल पूरे होने पर प्रताप ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की और सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। मीडिया से बातचीत में उन्होंने हनुमानगढ़ के टिब्बी-राठीखेड़ा में हुई किसान हिंसा को लेकर विपक्ष पर किसानों को उकसाने का आरोप लगाया। किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि वर्ष 2022 में हुआ करीब 500 करोड़ रुपये का एमओयू एशिया का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है। किसानों को गंदे पानी, फसल खराब होने और प्रदूषण की आशंका है, जो पूरी तरह गलत भी नहीं है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि वहां एसटीपी प्लांट लगाए जाएंगे, जिससे प्रदूषण की संभावना नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि भिवाड़ी, बालोतरा और जोधपुर में एसटीपी नहीं होने के कारण ही प्रदूषित पानी छोड़ा जा रहा है, इसलिए किसानों की आशंका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। मंत्री ने माना कि पिछली सरकार की कमी यह रही कि किसानों को विश्वास में लिए बिना भूमि पूजन किया गया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में आंदोलन का अधिकार है, लेकिन वह गांधीवादी तरीके से होना चाहिए। हिंसा होने पर कानून अपना काम करेगा। उन्होंने बताया कि उन पर भी अब तक 138 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं।
किरोड़ी लाल मीणा ने कांग्रेस नेताओं गहलोत, सचिन पायलट और डोटासरा के बयानों पर भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिस प्रोजेक्ट को पब्लिक इंटरेस्ट में लाया गया, उसी पर जनता को भड़काया जा रहा है। उन्होंने कांग्रेस नेताओं से अपील की कि वे भी किसानों को समझाएं, ताकि दोनों पक्षों के संवाद से समाधान निकल सके। उन्होंने कहा कि किसानों के दिमाग में भ्रम पैदा किया जा रहा है और उन्हें उत्तेजित कर हिंसा की ओर धकेला जा रहा है, जो गलत है। मंत्री ने किसानों को जयपुर आकर प्रतिनिधिमंडल के साथ मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों से मिलने का न्योता दिया। जरूरत पड़ी तो सरकार मौके पर जाकर भी किसानों से बात करेगी, लेकिन लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ने नहीं दिया जाएगा। सरिस्का में बने होटलों को लेकर दर्ज मुकदमों पर उन्होंने स्वीकार किया कि कई बार वे भी पूरे तथ्य जाने बिना मुद्दे उठा देते थे। कार्यक्रम में उन्होंने सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि पिछली सरकार में बार-बार पेपर लीक हुए, जबकि मौजूदा सरकार के दो साल में एक भी पेपर लीक नहीं हुआ। साथ ही उन्होंने बताया कि सिलीसेढ़ का पानी अलवर लाने को लेकर मुख्यमंत्री और वन मंत्री से सहमति बन चुकी है।