सरकती जाए रूख से नकाब ......

AYUSH ANTIMA
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बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक दो दिन पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह के द्वारा बिहार की एनडीए सरकार पर लगाए गये भ्रष्टाचार के आरोपों ने राजनीतिक माहौल गर्म कर दिया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने राज्य में 62000 करोड़ रूपये के बिजली घोटाले का आरोप लगाते हुए इसकी जांच सीबीआई से करवाने की मांग की है। सिंह के दावे के अनुसार चोटाला बिहार सरकार के बिजली विभाग और अदाणी समूह के बीच हुए बिजली खरीद समझौते से जुड़ा हुआ है। सिंह के अनुसार बिहार सरकार ने अदाणी समूह से बिजली खरीद का करार अनुचित दरों पर किया है। उनके अनुसार 4.16 रुपये प्रति यूनिट की दर के बजाय 6.075 रूपये प्रति यूनिट बिजली खरीदने का करार अदाणी समूह से किया है। यदि बिहार सरकार बिजली नही खरीदेगी तो भी इसी दर से भुगतान अदाणी समूह को करना होगा। इस महा घोटाले में प्रभावशाली मंत्रियों व वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप सिंह ने लगाया है। भाजपा नेता ने यह भी दावा किया कि बिहार सरकार ने अदाणी समूह को जिस जमीन को इस परियोजना को लगाने की अनुमति दी गई, वह बाजार दर से कई गुना सस्ती दरों पर दी गई। इसके साथ ही बिहार सरकार, जो निवेश के आंकड़े प्रस्तुत कर रही है, उसमें भी भारी गड़बड़झाला है। आरके सिंह ने आरोप लगाया कि पीरपैती पावर प्लांट के ओएमयू में कंपनी को 50 हजार रुपए का लाभ पहुंचाने का काम भी किया है। विदित हो 15 सितम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार के पूर्णिया में लगभग 40000 करोड़ रूपये की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन किया था, इसमें पडौसी जिले के भागलपुर के पीरपैंती के पावर प्लांट का उद्घाटन भी शामिल हैं। पूर्व मंत्री ने इस धोखाधड़ी में शामिल सभी मंत्रियों और अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर कानून के अनुसार दंडित करने की मांग की है। इसके साथ ही अदाणी समूह ने आरोप निराधार बताते हुए उनको परियोजना को लेकर की गई प्रकिया की कोई जानकारी नहीं है। अब सवाल उठता है कि जब लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी व आप के नेता संजय सिंह अदाणी व अंबानी को लेकर हमलावर होते हैं तो भाजपा के नेता इसे राजनीतिक स्टंट करार देकर पल्ला झाड़ लेते हैं। भाजपा के नेता इस बात का दंभ भरते हैं कि 11 सालों में एनडीए की सरकारों पर कोई भ्रष्टाचार के आरोप नहीं है लेकिन बिहार बिजली भ्रष्टाचार के आरोप किसी विपक्षी नेता ने नहीं लगाए बल्कि भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने लगाए हैं। अब लगता है कि भ्रष्टाचार रूपी नकाब सरकने लगा है और भाजपा का असली चेहरा आरके सिंह ने जनता के सामने उजागर कर दिया है। इसको लेकर एक बहुचर्चित ग़ज़ल का मुखड़ा याद आता है कि सरकती जाए रूख से नकाब आहिस्ता आहिस्ता..........

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