बीडीके अस्पताल में जल्द शुरू होगी एमआरआई जांच सुविधा: मरीजों को मिलेगी बड़ी राहत

AYUSH ANTIMA
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झुंझुनूं (राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला): जिले के सबसे बड़े राजकीय बीडीके अस्पताल में अब मरीजों को एमआरआई (Magnetic Resonance Imaging) जांच के लिए जयपुर या निजी जांच केंद्रों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की बजट घोषणा के तहत बीडीके अस्पताल में जल्द ही एमआरआई मशीन स्थापित की जाएगी। यह सुविधा पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर शुरू की जाएगी, जिससे मरीजों को सस्ती और समय पर जांच मिल सकेगी। अस्पताल प्रशासन ने मशीन स्थापना का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेज दिया है। बीडीके अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ.जितेंद्र भांबू ने बताया कि एमआरआई मशीन की लंबे समय से जरूरत महसूस की जा रही थी। प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने के बाद मशीन की स्थापना और संचालन की प्रक्रिया शीघ्र शुरू कर दी जाएगी। बीडीके अस्पताल में रोजाना औसतन 2,500 से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। इनमें बड़ी संख्या में न्यूरोलॉजी, ब्रेन स्ट्रोक, रीढ़ की हड्डी, ऑर्थोपेडिक और कैंसर से संबंधित रोगी होते हैं, जिन्हें एमआरआई जांच की तुरंत आवश्यकता होती है। फिलहाल सरकारी स्तर पर यह सुविधा उपलब्ध न होने से मरीजों को निजी जांच केंद्रों पर 5,000 से 8,000 रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं। गरीब मरीज इस खर्च को वहन नहीं कर पाते, जिससे इलाज में देरी और रोग की गंभीरता बढ़ जाती है। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार, झुंझुनूं सहित 15 जिला अस्पतालों में एमआरआई मशीनें पीपीपी मॉडल पर स्थापित की जाएंगी। इस मॉडल में निजी ऑपरेटर मशीन स्थापित कर संचालन करेगा, जबकि अस्पताल सरकार की ओर से स्थान, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराएगा। एमआरआई जांच मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना और भामाशाह योजना के तहत आने वाले मरीजों को निशुल्क मिलेगी। अन्य मरीजों से भी निजी केंद्रों की तुलना में कम शुल्क लिया जाएगा और रिपोर्टिंग विशेषज्ञों की निगरानी में होगी। बाड़मेर, चूरू, नागौर, सिरोही, टोंक, जालोर, करौली, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, बूंदी, बारां, झालावाड़, हनुमानगढ़ और झुंझुनूं को इस योजना का लाभ मिलेगा। इससे राज्य के कई जिलों में एमआरआई जांच की सुविधा सुलभ हो जाएगी। इस सुविधा से खेतड़ी, मंड्रेला, नवलगढ़, पिलानी, सूरजगढ़, अलसीसर, सिंघाना और बुहाना जैसे झुंझुनूं जिले के दूरवर्ती इलाकों के मरीजों को भी सीधा लाभ मिलेगा। अब उन्हें जयपुर या सीकर नहीं जाना पड़ेगा और समय पर जांच हो सकेगी। इससे गंभीर बीमारियों का समय पर इलाज संभव हो पाएगा ।

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