चंचल नाथ टीले पर गुरु पूर्णिमा धार्मिक उपदेशों व गुरु दीक्षा के साथ मनाई गई

AYUSH ANTIMA
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झुंझुनू (राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला): सनातन धर्म में गुरू शिष्य की परम्परा का उल्लेख धार्मिक ग्रंथों में मिलता है। उसी परम्परा का निर्वहन करते हुए मुख्यालय स्थित चंचल नाथ टीले पर गुरु पूर्णिमा का पर्व बड़े-हर्षोल्लास से मनाया गया। इस आयोजन की पूर्व संध्या पर गुरुजनों की याद में संत विचारनाथ द्वारा भजन संध्या का आयोजन किया गया। चंचलनाथ टीले पर गुरु पूर्णिमा के अवसर पर प्रातः 8 बजे ओमनाथ महाराज, विचारनाथ, अभय नाथ महाराज ने सर्वप्रथम सभी गुरुओं की समाधियों पर पूजा पाठ व धार्मिक अनुष्ठान के साथ भोग लगाकर भंडारे का आयोजन किया, तत्पश्चात विचार नाथ महाराज ने ओम नाथ महाराज की गुरु वंदना कर सम्मानपूर्वक अंग वस्त्र व गुरु दक्षिणा भेंट की। सीकर, फतेहपुर, चुरू से पधारी महिला मंडल द्वारा कीर्तन किया गया।ओमनाथ महाराज ने अपने उपदेशों में गुरु पूर्णिमा के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि गुरु पूर्णिमा का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है और इसका विशेष महत्व विभिन्न धर्म और परंपराओं में अलग-अलग है। हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा को महर्षि वेदव्यास के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिनको वेदों और महाभारत जैसे महान ग्रंथों की रचना करने का श्रेय दिया जाता है। वेदव्यास को हिंदू धर्म में प्रथम गुरु माना जाता है, उनका जन्म आषाढ़ मास की पूर्णिमा को हुआ था। इस दिन को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है, जो गुरुओं के प्रति सम्मान और कृतज्ञता प्रकट करने का का दिन है व गुरुओं की महत्वता को याद दिलाता है। उनके प्रति सम्मान वक्त करने के लिए प्रेरित करता है। गुरु जो हमें ज्ञान मार्गदर्शन और सही मार्ग दिखाने के साथ ही अंधेरे से उजाले की तरफ ले जाता है। इस अवसर पर उमाशंकर महमिया, दीपक मोदी, सुशील बाक्याण, भाजपा मंडल अध्यक्ष कमलकांत शर्मा, भाजपा नेता विशंभर पूनिया, संजय मोरवाल, रवि गुप्ता, विकास पुरोहित, अनिल जोशी, जेपी चौधरी, विनोद पुरोहित,भानी सैनी, रामू सैनी, राजकुमार बेरवाल, नारायण किरोड़ीवाल चूरू, ने गुरु वंदनाकर आशीर्वाद प्राप्त किया।

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