अलवर (ब्यूरो): पिछले 20 वर्षों से एक गली बांट जोह रही है कि कोई सरकारी कर्मचारी आए और इसे पक्का बनाएं। जी हां, यह दृश्य शहर की मानसरोवर कॉलोनी के निकट राजीव नगर के एक मुख्य मार्ग है का है, जिसमें प्रतिवर्ष घुटनों घुटनों तक पानी भर जाता है और राहगीरों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आलम यह है कि पिछले कई वर्षों में न जाने कितने लोग इस रोड से गुजरने के दौरान गिरकर घायल हुए है।
दरअसल, शहर की पोश और सबसे बड़ी आवासीय कॉलोनी के निकट स्थित इस राजीव नगर की इस गली में सभी मकान यूआईटी के पट्टा लिए हुए है। क्षेत्र के बाशिंदों ने बताया कि जब सरकार को इस गली में कोई विकास कार्य नहीं कराना था तो यूआईटी ने पट्टे जारी क्यों किये और विकास शुल्क के नाम पर पैसा क्यों लिया। इस क्षेत्र में लगभग पिछले 20 वर्ष से रह रही एक बुजुर्ग महिला ने बताया कि वह लगातार देख रही है कि पिछले 15 साल से यह रोड इसी बदहाली का शिकार है। प्रतिवर्ष इसमें बरसातों में घुटने-घुटने पानी भरता है और दुर्घटनाएं आए दिन होती हैं। वहीं यहां रहने वाले पेशे से वकील पिंटू जैन ने बताया कि इस गली में रहने वाले सभी नागरिकों ने यूआईटी के पास कई बार गुहार लगे लेकिन परिणाम शून्य हीं रहा। क्षेत्रीय नागरिकों के बार-बार निवेदन करने के बाद भी जब संबंधित विभागों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो थक हारकर उन्होंने कोर्ट का सहारा लिया, जिसमें प्रशासन को पक्षकार बनाकर उनसे यह पूछा गया है कि आखिर इस गली को पिछले 15 से 20 वर्ष में पक्की सड़क क्यों नहीं बनाई गई है। यहां ताज्जुब कि बात यह है कि इस रोड को बनाने के लिए बजट पास हो चुका है लेकिन न जाने क्यों गली में पक्की रोड का निर्माण अब तक नहीं हुआ है। क्षेत्रीय नागरिकों ने कहा कि पार्षद रवि मीणा के कांग्रेस पार्टी का होना इसकी वजह बता रहे है। वहीं दूसरी ओर पार्षद रवि मीणा का कहना है कि इस रोड का बजट उन्होंने पास करवा दिया लेकिन राजनीतिक कारणों के चलते इस रोड को अब तक नहीं बनाया जा रहा है। हाल यह है कि यहां अभी तक ड्रेनेज के लिए पक्की नालियां नहीं है, इसके साथ ही सीवरेज लाइन आज तक इस गली में नहीं डाली गयीं है। सोचने का विषय है कि हम किस विकसित भारत की बात कर रहे हैं, जिसमें पिछले 20 वर्ष से जिला मुख्यालय पर एक ऐसी गली जो मूलभूत सुविधाओं के लिए आज भी लाचार है। वहीं एक क्षेत्रीय महिला ने बताया कि वह पिछले कुछ समय से यहां रह रही है लेकिन आए दिन ऊबड़-खाबड़ इस गली में दुर्घटनाएँ होती रहती हैं। कच्ची रोड और उस पर यह पानी के गुजरते हुए टैंकर इसे और भी बदहाल बना रहे हैं। हद तो तब हो गई जब इसी गली में रहने वाली एक महिला मधु शर्मा स्कूटी पर घर से निकली और जैसे ही बीच पानी में पहुंची संतुलन बिगड़ने के कारण गंभीर घायल हो गई। चोट इतनी गहरी लगी की रीड की हड्डी में फ्रैक्चर हो गया, वहीं हाथ और पैरों में भी चोटों के निशान बड़े स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि अगर शीघ्र प्रशासन नहीं सुनता तो वह आंदोलन करेंगे क्योंकि छोटे बच्चों का और आम नागरिकों का आना-जाना इस कच्ची रोड़ से दूभर हो रहा है, वही सीधे-सीधे दुर्घटनाओं को यह गली निमंत्रण दे रही है।
बहरहाल, अब देखने का विषय रहेगा की 20 साल से मूलभूत सुविधाओं के लिए इंतजार कर रही इस गली का इन्तजार आखिर कब खत्म होगा और प्रशासन कब उनकी गुहार को सुनेगा।