झुंझुनूं (राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला): जिले में गोसेवा एवं गो संरक्षण को प्रभावी बनाने के उद्देश्य से गोपालन समिति की त्रैमासिक बैठक शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता जिला कलेक्टर रामावतार मीणा ने की। इस अवसर पर जिले की गौशालाओं की वर्तमान स्थिति, संचालन, संसाधनों की उपलब्धता और आगामी कार्ययोजना पर चर्चा की गई।
बैठक में जिला कलेक्टर ने गौशालाओं को स्थायी रूप से संचालित करने हेतु आवश्यक भूमि आवंटन, चारागाह भूमि के सीमांकन एवं अतिक्रमण की रोकथाम को लेकर संबंधित राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग समयबद्ध रूप से सीमांकन कर अतिक्रमित भूमि को मुक्त कराए ताकि गोवंश के लिए सुरक्षित चारागाह सुनिश्चित किया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने बिजली, पानी एवं ट्यूबवेल जैसी मूलभूत सुविधाएं गौशालाओं में प्राथमिकता से उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
जिला कलेक्टर ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले में मौजूद निराश्रित गोवंश को चिन्हित कर नियमानुसार गौशालाओं में स्थानांतरित किया जाए। साथ ही गौशालाओं में निःशुल्क पशु चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता पर विशेष ध्यान देने को कहा।
बैठक के दौरान अधिकारियों ने विभिन्न गौशालाओं की स्थिति, आवश्यकताओं एवं चुनौतियों की जानकारी प्रस्तुत की। जिला कलेक्टर ने सभी विभागों को समन्वय से कार्य करने और गोसेवा को समाज हित में एक महत्वपूर्ण दायित्व के रूप में निभाने का आह्वान किया। बैठक में पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ.शिवरतन, गौशाला प्रभारी डॉ.मुकेश काजला, नगर परिषद आयुक्त दिलीप पूनिया, पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता शंकर लाल, लेखा अधिकारी सतीश खेदड़, झुंझुनू जिला गौ सेवा समिति के अध्यक्ष ताराचंद भोड़की, कार्यकारी अध्यक्ष निरंजन जानू, प्रवक्ता कैलाश व्यास लिखवा सहित गौशालाओं प्रतिनिधि मौजूद रहे।