निवाई (लालचंद सैनी): विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के तत्वावधान में माध्यमिक सरस्वती विद्या मंदिर में आयोजित आचार्य अभ्यास वर्ग के बौद्धिक सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय मंत्री शिवप्रसाद ने कहा कि जो व्यक्ति अपने मूल उद्देश्य को छोडक़र दूसरे लक्ष्य की ओर चला जाता है, वह निश्चित ही असफल होता है। उन्होंने कहा कि हमारा यह कर्तव्य है कि विद्या भारती द्वारा संचालित विद्यालय सामाजिक चेतना का केंद्र बनने चाहिए। महिला सुरक्षा केंद्र में साथिनों की कार्यशाला आयोजित, योजनाओं की दी जानकारी*इसके लिए व्यक्तिगत चेतना का दायरा बढ़ाना होगा। इसके लिए सामाजिक सरोकारों से जुड़े हुए कार्य भी करना होगा। उन्होंने बताया कि विद्या भारती शिक्षण संस्थान की प्रतिस्पर्धा किसी से भी नहीं है। देश के लिए सुसंस्कारित नागरिकों का निर्माण करना ही विद्या भारती का उद्देश्य है। अतिथि डिवाइएसपी मृत्युंजय मिश्रा ने कहा कि गुरु ही सबसे बड़ा होता है। प्राचीन काल से अब तक गुरु की ही पूजा होती आई है। यदि धन ही सब कुछ होता तो आज धनवान की ही पूजा होती लेकिन ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि विद्या भारती के विद्यालयों से मिले हुए संस्कार ही जीवन भर काम आते हैं। आचार्य वर्ग प्रबंधक गोविंद नारायण शर्मा व सह प्रबंधक मोहन लाल शर्मा ने बताया कि विद्यालय में 10 दिवसीय आचार्य शिक्षा वर्ग का आयोजन किया जा रहा है। वर्ग में विषय विशेषज्ञ राधेश्याम बारेठ व मोहन लाल शर्मा ने प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दिया। उद्घाटन सत्र में प्रांतीय सह मंत्री हजारी लाल, भारतीय शिक्षा प्रचार समिति के जिला व्यवस्थापक निपुण सक्सेना, स्थानीय विद्यालय के व्यवस्थापक योगेंद्र सिंहल, जिला सचिव दिनेश कुमार शर्मा, वंदना व्यवस्थापक राधेश्याम , मदन लाल डांगी व टीकमचंद कुमावत सहित कई आचार्य व आचार्या मौजूद थे।
व्यक्ति अपने मूल उद्देश्य के साथ चलेंगे तो जरूर होंगे सफल: राष्ट्रीय मंत्री शिवप्रसाद
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June 10, 2025
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