दो साल पुराने बकाया मुआवजे व मंदिर माफी की कृषि भूमि पर काबिज किसानों को खातेदारी अधिकार देने की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट पर धरना

AYUSH ANTIMA
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झुंझुनूं (राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला): अखिल भारतीय किसान महासभा की तरफ से झुंझुनूं जिला कलेक्ट्रेट पर कामरेड सुरेन्द्र सिंह पीपली की अध्यक्षता में किसानों का धरना संपन्न हुआ। जिसमें नकली खाद बीज निर्माताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर उनको कड़ी सजा देने, मंदिर माफी की कृषि भूमि पर पीढ़ी दर पीढ़ी काबिज किसानों को खातेदारी अधिकार देने, उन्हें तमाम सरकारी सुविधाएं मुहैया कराने, स्मार्ट मीटर जबरन न लगाकर उपभोक्ताओं की इच्छा पर ही लगाने, सन् 2022-23 की रबी फसलों में ओलावृष्टि व शीत लहर से नष्ट हुई फसलों के मुआवजे से वंचित खेतड़ी व उदयपुरवाटी के तमाम किसानों सहित जिले के अन्य वंचित किसानों को अविलंब मुआवजा देने, झुंझुनूं जिले में यमुना नहर का पानी सिघ्र लाने, खेतड़ी तहसील के जसरापुर में कृषि उपज मण्डी खोलने, बुहाना में झुंझुनूं केंद्रीय सहकारी बैंक की शाखा खोलने, सिंघाना पंचायत समिति में एम जे एस ए-2.1 योजना में ग्राम पंचायतों में कुंड निर्माण हेतु दस प्रतिशत राशि जमा करवाने वाले तमाम किसानों को कुंड निर्माण की राशि मुहैया करवाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर रामोतार मीणा को ज्ञापन दिया गया। इस अवसर पर धरनार्थियों को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कामरेड फूलचंद ढेवा ने कहा कि मंदिर माफी के नाम पर पीढ़ी दर पीढ़ी काबिज किसानों को खातेदारी अधिकार न मिलने के कारण सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। यहां तक महामहीम उपराष्ट्रपति के गांव किठाना की एक तिहाई कृषि भूमि मंदिर माफी के नाम पर होने के कारण किसान सरकारी सुविधाओं से वंचित है, जन प्रतिनिधियों का ध्यान इस पर कभी नहीं जाता। किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव कामरेड रामचंद्र कुलहरि ने कहा कि सन् 2022-23 की रबी फसलें ओलावृष्टि व शीत लहर से नष्ट हो जाने के कारण दो साल से ज्यादा समय गुजर जाने के बावजूद मुआवजे की घुंडी बहरी सरकार की तरफ से टुकड़ों टुकड़ों में किश्त जारी की जा रही है। खेतड़ी व उदयपुरवाटी तहसीलों में नीमकाथाना जिला में जाने की वजह से फेरबदल की वजह से एक भी किसान को मुआवजा नहीं मिला। शेष जिले में भी किसान मुआवजा का इंतजार कर रहे हैं। धरना को जिला उपाध्यक्ष कामरेड इंद्राज सिंह चारावास, कामरेड सुरेन्द्र सिंह पीपली, कामरेड अमर सिंह चाहर, कामरेड प्रेम सिंह नेहरा, कामरेड हरीओम पिलानी, कामरेड हरी सिंह वेदी, कामरेड रामनारायण ढेवा, कामरेड मनफूल सिंह, कामरेड बंटी, कामरेड रोहतास काजला, सुबेदार बजरंग लाल, राजवीर महला, सुबेदार शीशराम काजला, रामस्वरूप मणकश, हरी सिंह बुरड़क, कामरेड राम सिंह धनखड़, कामरेड होशियार सिंह चाहर, सूरत सिंह, जगदीश काजला, माला राम बजाड़, कामरेड सुमेर सिंह कसाना, दाताराम कुलहरि, ताराचन्द, ख्यालीराम कटेवा, बलवान सिंह बलौदा व मांगेलाल ने संबोधित किया।

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