जयपुर: गुलाबी नगरी जयपुर में युवा ऊर्जा और सांस्कृतिक वैभव का अद्भुत संगम युवा संगठन “जयपुर युविका” द्वारा आयोजित युवा जोश “राजस्थान रनवे फेस्टिवल” के माध्यम से देखने को मिला। जयपुर एयरपोर्ट टर्मिनल 2 परिसर में आयोजित हुए इस रनवे फेस्टिवल में युवाओं को कला, संस्कृति और परंपराओं जोड़ने का प्रयास किया गया। कार्यक्रम में संगीत, नृत्य और पारंपरिक फैशन वॉक की मनमोहक प्रस्तुतियों ने समां बांधा, वहीं 500 से अधिक युवाओं की सक्रिय भागीदारी ने इस शाम को यादगार बना दिया।
“जयपुर युविका” संगठन की ओर से आयोजक वंशिका सिंह और रोचित रावत ने बताया कि कार्यक्रम युवाओं को अपनी कला, संस्कृति और परंपराओं से जोड़ने का प्रयास है। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि, जयपुर शहर सांसद मंजू शर्मा रही, मंजू शर्मा ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय सांस्कृतिक विरासत से जुड़कर हम अपनी पहचान और जड़ों को और भी मजबूत कर सकते हैं। मौजूदा दौर में युवा अपनी परंपरा और संस्कृति से कहीं ना कहीं दूर होते जा रहे हैं, लेकिन इस कार्यक्रम के जरिए यह देखकर खुशी हुई कि युवा आज भी अपनी जड़ों से जुड़ा हुआ है। इस कार्यक्रम में जिस तरह से भारतीय और राजस्थानी संस्कृति के साथ कला और परंपराओं का जो प्रदर्शन हुआ वह बहुत सराहनी है। केंद्र की मोदी सरकार भी लगातार हमारी संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज भारतीय संस्कृति विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना रही है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वह भी हमारी संस्कृति को आगे बढ़ाने में आगे आएं है। उधर, कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि मान फाउंडेशन के चेयरपर्सन डॉ.मनीषा सिंह ने युवाओं को अपनी जड़ों से जुड़े रहने का संदेश देते हुए कहा कि परंपरा में ही नवाचार की असली ताकत छिपी होती है। आधुनिकता की दौड़ में हमें अपनी जड़ों को नहीं छोड़ता है वक्त के साथ बदलाव जरूरी है, लेकिन यह बदलाव हमारी कला संस्कृति और परंपराओं को साथ में रखकर भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति आज विश्व के मानचित्र पर अपनी एक अलग पहचान रखती है। हमारी परंपरा और संस्कृति को आगे बढ़ने का जिम्मा युवाओं के कंधे पर है हमें अपनी जिम्मेदारी को समझना होगा।
*ये रही प्रमुख प्रस्तुतियां*
कार्यक्रम की प्रमुख प्रस्तुतियों में “किरदार” बैंड की शानदार संगीतमय प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, वहीं DJ देव ने अपनी धुनों से युवाओं को थिरकने पर मजबूर कर दिया। "जश्न” के साड़ी कलेक्शन ने पारंपरिक परिधानों की सुंदरता को मंच पर जीवंत कर दिया और युवाओं को सांस्कृतिक परिधान की ओर आकर्षित किया। फेस्टिवल में कला, मिट्टी शिल्प, हैंडीक्राफ्ट, पेंटिंग जैसी विभिन्न स्टॉल्स ने न केवल स्थानीय कलाकारों को मंच प्रदान किया, बल्कि युवाओं को भी उनके हुनर से जुड़ने का अवसर मिला।
संगीत, कला और संस्कृति पर आधारित यह फेस्टिवल राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और युवा शक्ति का सशक्त प्रतीक बनकर सामने आया। वंशिका सिंह ने बताया कि "जयपुर युविका" के स्थापना का प्रमुख उद्देश्य भी यही है कि किस तरह से हम युवा अपनी कला, संस्कृति और परंपराओं से जुड़े रहे। इस संगठन में करीब 10000 से ज्यादा युवा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं, जो अपने अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिए राजस्थानी संस्कृति को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। मॉडर्नाइजेशन के साथ-साथ परंपरा और संस्कृति भी इस संगठन की कार्यशैली का हिस्सा है।