झुन्झनू (राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला): बुद्ध विहार धर्म स्थली, जय पहाड़ी में त्रिगुण पावन बुद्ध पूर्णिमा महोत्सव श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया गया। यह आयोजन भंते विनय पाल के पावन सानिध्य में सम्पन्न हुआ। भंते विनय पाल ने अपने प्रवचन में बुद्ध धर्म को मानवता का कल्याणकारी बताया और कहा कि यह धर्म अंधविश्वास, पाखंड एवं आडंबर से रहित है।
मुख्य अतिथि उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी झुंझुनू डॉ.भंवरलाल सर्वा ने कहा कि बुद्ध पूर्णिमा आज पूरे विश्व में आस्था के साथ मनाई जाती है। बुद्ध धर्म करुणा, शील, प्रज्ञा और मैत्री का प्रतीक है, जो सम्पूर्ण मानवता को जोड़ता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ.मधु तंवर ने की। उन्होंने बुद्ध धर्म में महिलाओं को प्राप्त न्याय, समानता, शिक्षा एवं धार्मिक सहभागिता के अधिकारों पर प्रकाश डाला। विशिष्ट अतिथि बलबीर सिंह काला (ट्रस्टी व सचिव) ने तथागत बुद्ध की 84,000 शिक्षाओं और सम्राट अशोक द्वारा बनवाए गए 84,000 बौद्ध विहारों का उल्लेख करते हुए बताया कि अधिकतर विहार लुप्त या परिवर्तित हो चुके हैं। महाबोधि महाविहार, गया एकमात्र शेष बौद्ध धरोहर है, जिसे पुनः प्राप्त करने का आंदोलन चल रहा है। बुद्ध पूर्णिमा पर अम्बेडकर विचार मंच बगड़ ओर से भंते विनय पाल बौद्ध को नगद पुरस्कार व प्रतीक चिह्न भेंटकर सम्मानित किया गया। पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष सतवीर सिंह बरवड़, भीम आर्मी जिला अध्यक्ष विकास आल्हा, धर्मपाल बौद्ध, दारासिंह कलवा, भतेरी देवी व बी.एल. बौद्ध ने बुद्ध धम्म के त्रिशरण, शील, अष्टांगिक मार्ग व पारमिताओं पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम का सफल संचालन बी.एल. बौद्ध ने किया। समापन पर खीर प्रसाद वितरित की गई। कार्यक्रम में महिलाओं, बच्चों व श्रद्धालुओं ने भारी संख्या में सहभागिता निभाई।