पहले पुत्र और पुत्री और अब स्वयं कल्पना जैन बनी जैन साध्वी, पूरा परिवार सन्यासी

AYUSH ANTIMA
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*पहले पुत्र और पुत्री और अब स्व

अलवर (ब्यूरो): मनुष्य का धर्म उसे सही रास्ते पर ले जाने के लिए प्रेरित करता है और सही रास्ते पर चलने के बाद वैराग्य की भावना संन्यास की ओर ले जाती है। ऐसे ही अलवर जिले के खेड़ली कस्बे की मुमुक्षा कल्पना जैन सन्यास में प्रवेश करने जा रही है। सन्यास ग्रहण करने से पूर्व वरघोडा की परंपरा है। वरघोडा में गजराज पर सवार होकर सभी कीमती आभूषणों तथा वस्तुओं का त्याग किया जाता है। मुमुक्षा कल्पना जैन ने गजराज पर बैठकर लोगों पर सांसारिक भौतिक वस्तुओं की बौछार की। दीक्षा गुरु चिदानंद सुरीश्वरजी महाराज एवं मुनिराज विजय महाराज साहब वरघोडा में साथ रहे। गृहस्थ से सन्यास में जाने के कार्यक्रम में देश प्रदेश के कोने-कोने से जैन समाज के सैकड़ों महिला पुरूष आये। खेड़ली नगर पालिका अध्यक्ष संजय गीजगढिया ने सभी का पुष्प वर्षा कर सम्मान किया।कार्यक्रम के दौरान पुलिस की माकूल सुरक्षा व्यवस्था रही। खेड़ली कस्बे के मुख्य मार्गों पर स्वागत तथा तौरण द्वार बनाये गये। नाचते गाते युवा, युवतियों के साथ भगवान की पालकी निकाली। मुमुक्षु कल्पना जैन के पुत्र पुत्री भी जैन मुनि बन चुके है। कल्पना जैन मूलरूप से बीसलपुर राजस्थान की निवासी है, वर्तमान में वे भायदंर मुम्बई में रहतीं हैं। गौरतलब है कि जहां एक ओर मनुष्य आज भौतिकता की दौड़ में इतना आगे निकल गया है कि उसे केवल सांसारिक वस्तुओं के अलावा कुछ दिखाई नहीं पड़ता।
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