दशक के संघर्ष के बाद, स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित सांगानेर को ओपन जेल में 300 बेड के हॉस्पिटल की सुप्रीम कोर्ट से मिली मंजूरी

AYUSH ANTIMA
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जयपुर: सांगानेर सेटेलाइट हॉस्पिटल बचाओ संघर्ष समिति, सांगानेर विकास नागरिक मंच, राजस्थान नागरिक मंच, जन स्वास्थ्य अभियान इंडिया, राजस्थान, राजस्थान समग्र सेवा संघ के राजेंद्र कुम्भज, अनिल गोस्वामी, आरसी शर्मा, गीता खंडेलवाल, अरुणा स्वामी, बृज बल्लभ उदयवाल, सवाई सिंह, नरेंद्र गुप्ता, कृष्णा कयाल, नीलम सुईवाल, जय प्रकाश बालचंदानी, प्रेमलता सेठी ने बताया कि संयुक्त, सक्रिय भागीदारी एवं समुचित प्रयत्नों के फलस्वरूप सांगानेर में तीन दशकों से चल रही मांग  सैटेलाइट अस्पताल के निर्माण की स्वीकृति वर्तमान राज्य सरकार ने दी थी। इससे पूर्व राज्य सरकार ने इस हेतु भूमि आवंटन पहले सांगानेर में दूरस्थ बंबाला में किया था तत्पश्चात विभिन्न और सतत प्रयत्न कर उसके स्थान पर खुली जेल कैदी फार्म की भूमि से संबंधित कागजात उपलब्ध करवाकर पूर्व राज्य सरकार से इस स्थान पर अस्पताल हेतु भूमि आवंटन चाहा गया था तथा सरकार ने आवंटित भी कर दी थी। जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगी, जिसमें उच्च न्यायालय द्वारा खुली जेल परिसर के समीप जमीन पर 300 बेड के हॉस्पिटल की मंजूरी मिल गई है। इससे पूर्व 2015 में तत्कालीन सरकार ने सांगानेर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को पीपीपी मॉडल पर देने के आदेश दिए थे। जिसके खिलाफ स्थानीय नागरिकों, सांगानेर विकास नागरिक मंच, राजस्थान नागरिक मंच एवं अन्य जन संगठनों ने प्रतिरोध संघर्ष किया, विधानसभा पर प्रदर्शन किया, जिसके फलस्वरूप सरकार को आदेश वापस लेना पड़ा।
*सुप्रीम कोर्ट का फैसला*
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की खंडपीठ ने राज्य सरकार की ओर से दिए गए आश्वासन को स्वीकार कर लिया और अदालत ने सरकार को निर्देश दिया कि वह रजिस्ट्रार की सिफारिशों के अनुसार निर्माण करे।

*हॉस्पिटल के निर्माण की रूपरेखा*

* सांगानेर ओपन जेल में 300 बेड का सैटेलाइट हॉस्पिटल बनाया जाएगा।
- राज्य सरकार को रजिस्ट्रार की सिफारिशों के अनुसार निर्माण करने का निर्देश।
- जेल परिसर और हॉस्पिटल का निर्माण चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा।
 मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा का धन्यवाद देते हैं, जिन्होंने अपने क्षेत्र के विकास के लिए तत्परता से सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी और सेटेलाइट हॉस्पिटल को जिला हॉस्पिटल का दर्जा दिया, साथ ही 300 बेड में से 100 बेड महिलाओं व महिला प्रसूति के लिए आरक्षित रहेंगे। माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सांगानेर व सांगानेर के आसपास  ग्रामीण क्षेत्र में खुशी की लहर फैल गई है।

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