भक्ति के ही आशीर्वाद से बोलने व सुनने लगे थे नरसी: सुश्री दीपा दाधीच

AYUSH ANTIMA
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निवाई (लालचंद सैनी): ग्राम नला में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दौरान शनिवार को कथा वाचक पंडित लादूलाल दाधीच ने दक्ष प्रजापति यज्ञ, सती का देह त्याग, राजा हिमाचल मैना के घर पार्वती का जन्म, भगवान शिव पार्वती विवाह, ध्रुव का चरित्र व राजा पृथु का जन्म के प्रसंग सुनाए। इसके बाद आरती की गई। शाम को नानी बाई को मायरो कथा में कथा वाचिका सुश्री दीपा दाधीच भीलवाड़ा ने कहा कि नरसी मेहता का जन्म गुजरात के तालाज्य गांव में हुआ था। उन्होंने बताया कि नरसी मेहता जन्म से गूंगे व बहरे थे। वह अपनी दादी के साथ रहते थे। दादी की इच्छा थी कि नरसी सुनने व बोलने लगे। महाशिवरात्रि के दिन वह नरसी को अपने साथ शिव मंदिर लेकर गई। वहां पर मंदिर में एक महात्मा रहते थे, जिनके आशीर्वाद से नरसी बोलने व सुनने लगे। यह उनकी दादी की भक्ति का ही आशीर्वाद था। कथा समाप्ति के बाद ग्रंथ की आरती कर प्रसादी वितरण की। इस दौरान बद्री लाल राम अवतार राधा मोहन व सुरेंद्र सहित अनेक श्रद्धालु मौजूद थे।

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