जयपुर: सीएम भजन लाल शर्मा के विधानसभा क्षेत्र मानसरोवर के टैगोर पथ पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के बाद एक नया विवाद खड़ा हो गया है। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि नगर निगम और प्रशासन ने अतिक्रमण करने वाली संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय शिकायतकर्ताओं के खिलाफ ही कार्रवाई कर दी है।
*कब्जे का आरोप*
शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि सरदार पटेल स्कूल, आकाशदीप बीएड कॉलेज और जलदाय विभाग ने सड़क पर कब्जा किया है और अपनी दीवारें बना ली हैं। इसके बावजूद नगर निगम और प्रशासन ने इन संस्थाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि इन संस्थाओं ने अपनी दीवारें सड़क पर अतिक्रमण करते हुए बनाई हैं, जिससे क्षेत्र के लोगों को परेशानी हो रही है।
*नगर निगम और प्रशासन पर आरोप*
शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि नगर निगम और प्रशासन अतिक्रमण करने वालों को संरक्षण प्रदान कर रहे हैं। जब उन्होंने इसकी शिकायत की, तो नगर निगम और प्रशासन ने उनके खिलाफ ही कार्रवाई कर दी। इससे साफ होता है कि नगर निगम और प्रशासन की कार्रवाई में भेदभाव किया जा रहा है।
*100 से ज्यादा लोगों की शिकायत*
इस मामले में 100 से ज्यादा लोगों ने शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि सरदार पटेल स्कूल, आकाशदीप बीएड कॉलेज और जलदाय विभाग ने सड़क पर कब्जा किया है। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि वे इस मामले में न्याय की मांग कर रहे हैं और चाहते हैं कि नगर निगम और प्रशासन अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें।
*प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल*
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि प्रशासन अपना पूरा जाप्ता लेकर आया और ताबड़तोड़ फाड़ चालू कर दी, लेकिन जिस दीवार को लेकर और जो अतिक्रमण को लेकर शिकायत की गई थी, उन पर मेहरबान होते हुए छोड़ दिया गया। इससे साफ होता है कि प्रशासन की कार्रवाई में भेदभाव किया जा रहा है।
*नगर निगम की कार्रवाई पर आक्रोश*
लोगों का कहना है कि निष्पक्ष कार्रवाई होनी चाहिए। माननीय मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के क्षेत्र में अगर इस तरीके से भेदभाव पूर्ण कार्रवाई होती है, तो प्रशासन और माननीय मुख्यमंत्री के ऊपर से क्षेत्र के लोगों का भरोसा उठ जाएगा। ऐसे में नगर निगम के ऊपर जो गंभीर आरोप लगे हैं, इस संबंध में माननीय मुख्यमंत्री जी को तुरंत संज्ञान लेकर इस मामले में बड़ी कार्रवाई करनी होगी, नहीं तो इस संबंध में स्थानीय जनता के बीच उनकी गलत छवि जाएगी। अब देखना होगा कि प्रशासन और नगर निगम आगे क्या कार्रवाई करते हैं और शिकायतकर्ताओं को न्याय मिलता है या नहीं। क्या वे अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे या नहीं। यह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा।