एक प्रेस कांफ्रेंस में पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी व सूरजगढ़ की पूर्व विधायक व पुर्व सांसद संतोष अहलावत ने एक प्रेस कांफ्रेंस के जरिये सूरजगढ़ व उदयपुरवाटी विधानसभा क्षेत्र के लिए पीने के पानी को लेकर विवरण दिया। उन्होंने बताया
जिले के उदयपुरवाटी और सूरजगढ़ विधानसभा क्षेत्रों के लिए मुख्य अभियंता, जाईका फंडेड प्रोजेक्ट, पीएचईडी ने लासन एवं टुर्बो (एलएंडटी) कंपनी को जल जीवन मिशन के तहत उदयपुरवाटी और सूरजगढ़ के 285 गांवों और 2 कस्बों को पेयजल सप्लाई का स्वीकृति पत्र जारी किया है। इसके तहत कुल 10 हजार 92 करोड़ 22 लाख रुपए की स्वीकृति जारी की गई है, जिसमें से 10 हजार 23 करोड़ 72 लाख रुपए परियोजना निर्माण की लागत एवं 68 करोड़ रुपए संचालन की लागत। विभाग ने इस संबंध में एलएंडटी को 2 वर्ष में इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के निर्देश दिए हैं। वहीं आगामी 2 दिन में अनुबंध करने के निर्देश दिए हैं। परियोजना के पूर्ण होने पर दोनों ही क्षेत्रों में घर-घर नल कनेक्शन के माध्यम से पेयजल पहुंचाया जा सकेगा। अब इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर पोस्टमार्टम करे तो पिलानी विधानसभा इस परियोजना से आखिर वंचित क्यों है। पिलानी विधानसभा के स्थानीय नेता जो दावा कर रहे थे कि पिलानी विधानसभा में पानी की समस्या जल्द ही हल होने वाली है उस दावे की पोल आज खुलती नजर आ रही है। इसका दूसरा पहलू जब डबल इंजन सरकार ने यमुना जल को लेकर समझौता किया है और उसको लेकर बहुत प्रचारित किया गया। जब यमुना जल का पानी धरातल पर आने वाला है तो इस प्रोजेक्ट की जरूरत आखिर कैसे पड़ी। क्या मलसीसर में बना डैम पानी की इस मांग को पूरा करने में सक्षम है। पीने का पानी झुंझुनूं जिले के लिए राजनीतिक फुटबाल बनकर रह गया है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने इसका खुब राजनीतिक दोहन किया और उसी परिपाटी का अनुसरण भाजपा करती आ रही है। विदित हो करीब साल भर पहले भी सूरजगढ़ विधानसभा को जोड़ने को लेकर विधायक श्रवण कुमार व पूर्व विधायक संतोष अहलावत ने खुब वाहवाही लूटी थी, उस दावे का क्या हुआ। पिलानी विधानसभा को लेकर आयुष अंतिमा (हिन्दी समाचार पत्र) ने तथ्य परक पत्रकारिता करते हुए इस मुद्दे को जनता की अदालत व सरकार के संज्ञान में लाने का काम किया है कि पिलानी विधानसभा को पीने के पानी की समस्या का तात्कालिक उपाय केवल और केवल कुंभाराम लिफ्ट परियोजना है जबकि आज उसका कही भी जिक्र तक नहीं किया गया। इस लेख के माध्यम से पिलानी विधानसभा के स्थानीय नेताओं व भजन लाल शर्मा से आग्रह है कि आखिर पिलानी विधानसभा को इससे वंचित क्यों रखा गया ? इस ज्वलंत प्रश्न का जबाब शायद ही इन राजनीतिक आकाओं के पास हो ।