झुंझुनूं (राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला): जिले में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0 के जिला कलक्टर रामावतार मीणा द्वारा प्रभावी मॉनिटरिंग के चलते सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहे हैं। जिले में अभियान के तहत बनाए गई जल ग्रहण संरचनाओं से भूमिगत जल स्तर में 1 मीटर से 7 मीटर तक की बढ़ोतरी देखने को मिली है। जिला कलक्टर रामावतार मीणा के मुताबिक पानी पैदा नहीं किया जा सकता, लेकिन इसका संरक्षण कर इसका सदुपयोग अवश्य किया जा सकता है। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के निर्देशानुसार जिले में पेयजल की किल्लत को देखते हुए यहां एमजेएसए 2.0 की विशेष मॉनिटरिंग की गई है, जिसका असर बढ़ते भूमिगत जलस्तर के रूप में देखने को मिला है।
*सीएम भजन लाल शर्मा की फ्लैगशिप स्कीम मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0*
मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0 सीएम भजन लाल शर्मा की फ्लैगशिप स्कीम है, जिसके माध्यम से सतही जल में वृद्धि, भूजल में वृद्धि के लिए जल संरक्षण संरचनाओं का जीर्णोद्दार व नवीन संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने बजट 2024-25 में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0 की घोषणा की थी। इसका लक्ष्य 4 वर्षों में 20 हजार गाँव में 5 लाख जल संरक्षण संरचना स्थापित करना रखा गया है। इसका उद्देश्य पेयजल की किल्लत से जूझ रहे ग्रामीण क्षेत्रों में जल की उपलब्धता को सुनिश्चित करना है। अभियान के अन्तर्गत जल संग्रहण एवं संरक्षण ढांचों का निर्माण, गांव में पीने के पानी को दूर करना, वर्षा जल संग्रहण, परम्परागत पेयजल एवं जल स्रोतों को पुनर्जीवित करना, सिंचित एवं कृषि योग्य क्षेत्रफल को बढ़ाना, सघन वृक्षारोपण कर हरित क्षेत्रों को बढ़ाना और जल एवं मृदा संरक्षण के प्रति नागरिकों को जागरूक करना आदि कार्य करवाए जा रहे हैं। वाटरशैड के परियोजना प्रबंधक एवं अधिशाषी अभियंता महेंद्र सूरा ने बताया कि जून 2025 में पूर्ण होने वाले एमजेएसए 2.0 के प्रथम चरण के अन्तर्गत जिले की 59 ग्राम पंचायतों के 138 ग्रामों को शामिल किया गया था, जिनमें लगभग 70 करोड़ रुपए की लागत से जल संरक्षण के प्रति जागरूकता पैदा करने एवं विभिन्न वित्तिय संरचनाओं का कन्वर्जेन्स कर परम्परागत पेयजल व जल स्त्रोतों को पुनर्जीवित करने, नवीन जल स्त्रोंतों का निर्माण करने, जल संरक्षण व वर्षा जल संग्रहण संरचनाओं द्वारा गांवो में पेयजल की कमी को दूर करने के कार्य किए गए हैं। जिले में इस अभियान अन्तर्गत कुल 3,343 कार्य पूर्ण किये गये है। इनमें 3083 टांका निर्माण, 2 एनीकट निर्माण, 39 फार्म पोन्ड, 13 जोहड निर्माण आदि कार्य शामिल हैं। जहां ये कार्य हुए हैं, वहां के गांवों में पानी के संकट से निजात मिली है व जल स्तर में भी सुधार हुआ हैं। वहीं 6 अमृत सरोवर, 27 फील्ड बंडिग, 12 रिचार्ड शॉफ्ट, 44 रूफ टॉप वाटर हार्वेस्टिंग, 11 तलाई के कार्य भी प्रथम चरण में करवाए गए हैं।
*इन ब्लॉक्स में बने इतनें टांके*
शेखावटी क्षेत्र में वर्षा जल संरक्षण के लिए टांका निर्माण प्राचीन पद्धति है। सीएम भजन लाल शर्मा ने इस पद्धति को काफी महत्व दिया है। एमजेएसए 2.0 के प्रथम चरण में जिले में वाटरशैड विभाग द्वारा अलसीसर ब्लॉक में 111, बुहाना में 691, चिड़ावा में 545, झुंझुनूं में 72, खेतड़ी में 458, मंडावा में 433, नवलगढ़ में 117, पिलानी में 65, सिंघाना में 144, सूरजगढ़ में 152, उदयपुरवाटी में 134 जल संरक्षण कार्य किए गए हैं। इसके अलावा पंचायतीराज व ग्रामीण विकास विभाग, वन विभाग, जल संसाधन, कृषि, उद्यानिकी समेत अन्य विभागों द्वारा 812 कार्य भी करवाए गए हैं।
*यहां इतना बढ़ा जल स्तर*
अभियान के तहत खेतड़ी में माधोगढ़ में 2 एनीकट निर्माण किए गए, जिससे यहां भूजल स्तर 56.67 से बढ़कर 55.67 मीटर हुआ। वहीं जोहड़, फॉर्म पोन्ड, टांका निर्माण इत्यादि से भिर्र में जलस्तर 82.61 मीटर से बढ़कर 75.34 मीटर, बड़बर में 113.20 मीटर से बढ़कर 109.20 मीटर, दलेलपुरा में 59.47 से बढ़कर 55.40 मीटर हुआ है। अभियान के द्वितीय चरण में जिले की 67 ग्राम पंचायतों के 138 ग्राम शामिल किए गए हैं, जिसके तहत राज्य स्तर से 4596 कार्यों के पेटे 9207.69 लाख रूपए यानी लगभग 92 करोड़ रुपए की परियोजना प्रतिवेदन का अनुमोदन किया जा चुका है। द्वितीय चरण अभियान को पूर्ण करने की कार्य अवधि 30 जून 2026 तक होगी।
*5 जून से मनाया जाएगा जल संरक्षण पखवाड़ा*
*पर्यावरण दिवस व गंगादशमी एक साथ, जलस्त्रोतों पर होगी पूजा*
सीएम भजन लाल शर्मा ने वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से हुई बैठक में कहा है कि इस बार 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस और गंगादशमी का एक दिन आने का अनूठा संयोग बना है। गंगादशमी की मान्यता को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार इस अवसर को जल स्वावलंबन पखवाड़े के रूप में मनाएगी। 5 जून से 20 जून तक जल संरक्षण पखवाड़ा मनाया जाएगा। 5 जून को गंगा दशमी और विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर गांव और शहरों में जल स्रोतों, नदियों, तालाबों पर पूजन, कलश यात्रा, जागरूकता अभियान, के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जल संग्रहण संरचनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किए जाएंगे।
*जलसंरक्षण पखवाड़े की तैयारियां*
सीएम ने बुधवार को सीएम निवास से वीसी के जरिए बैठक लेकर अफसरों को जल संरक्षण पखवाड़े की तैयारियों के निर्देश दिए। सीएम ने कहा कि जल स्वावलंबन पखवाड़े में आयोजित होने वाली गतिविधियों में लोगों की पूरी भागीदारी हो और हर गांव को इन गतिविधियों में जोड़ा जाए, ताकि यह एक जन आंदोलन का रूप ले सके। सबका श्रम-सबकी सहभागिता की भावना के साथ जल स्वावलंबन पखवाड़े में आयोजित होने वाली गतिविधियों की प्रचार प्रसार किया जाए।
*अभियान में सहयोग करने वालों का सम्मान करेगी सरकार*
सीएम ने कहा कि समाजसेवी संस्थाओं और दानदाताओं से अभियान में सहयोग लिया जाए। भामाशाहों और संथाओं को सरकारी संस्थाओं में दान करने, रेलवे स्टेशनों आदि पर यात्रियों के लिए जल सेवा की व्यवस्था, पक्षियों के लिए परिंडे लगाने के लिए प्रेरित किया जाए। राज्य सरकार भी ऐसी संस्थाओं और समाजसेवियों का सम्मान करते हुए उन्हें प्रोत्साहित करेगी।
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के निर्देशानुसार जिले की 59 ग्राम पंचायतों के 138 गांवों में कार्य करवाए गए हैं, जिससे जल स्तर 1 से 7 मीटर तक बढ़ा है। आगामी मानसून में वर्षा जल संरक्षण से जल स्तर में और भी अधिक बढ़ोतरी होगी।”
*रामावतार मीणा, जिला कलक्टर, झुंझुनूं*
खेतड़ी, बुहाना, पिलानी, सिंघाना, चिड़ावा, सूरजगढ़ आदि पेयजल किल्लत की समस्या से ग्रसित ब्लॉक्स के गांवों में जिला कलक्टर रामावतार मीणा की मॉनिटरिंग में अभियान के तहत जल संरक्षण का कार्य किया गया है। 3334 जल संरक्षण के कार्य किए गए हैं, जिनसे आमजन को बड़ी राहत मिलेगी।
*महेंद्र सूरा, परियोजना प्रबंधक, वाटरशैड एवं अधिशाषी अभियंता, जिला परिषद, झुंझुनूं*