देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए यह बहुत ही चर्चित मुहावरा सोशल मीडिया पर चला कि मोदी है तो मुमकिन है। इसको देश प्रेम, देश सेवा व सबका साथ सबका विकास के मूलमंत्र के साथ प्रधानमंत्री ने ऐतिहासिक कार्यों को अंजाम दिया। जिनमें तीन तलाक़ कानून, जम्मू कश्मीर में धारा 370 को खत्म करने के बाद मुस्लिम समाज के लिए वक्फ एक्ट संसोधन बिल लोकसभा व राज्यसभा में पास होने के बाद महामहिम राष्ट्रपति के हस्तगत के बाद कानून का रूप ले लेगा। सरकार का दावा है कि इस कानून से मुस्लिम समाज के अंतिम व्यक्ति को लाभ होगा। इस एक्ट के बाद वक्फ संपतियो की लूट और दुरूपयोग बंद हो जायेगा। अब संपतियों का उपयोग नियम कायदे से पारदर्शिता के साथ होगा, जिससे इसका लाभ गरीब मुसलमानो को भी मिलेगा। लोकसभा में बहस के दौरान किसी भी सदस्य ने वक्फ एक्ट संसोधन के बाद मुसलमानो को क्या नुकसान होने वाला है। देश के गृहमंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया कि वक्फ से जुड़ी संपत्तियां और धार्मिक स्थल अलग अलग है। सरकार का इरादा मुस्लिम समुदाय के धर्म से छेड़-छाड़ का नहीं है बल्कि इस संशोधन से वक्फ की संपतियों का रख रखाव व प्रबंधन उचित ढंग से होगा। जो सैंट्रल स्टेट व डिस्ट्रिक्ट वक्फ कमेटियां बनेगी, उनमे सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज, सिनियर वकील, महिलाओं व गरीब मुसलमानो को प्रतिनिधित्व मिलेगा। स्टेट वक्फ कमेटियो के गठन का अधिकार राज्य सरकारों का होगा। सरकार की तरफ से बहस में विश्वास दिलाया गया कि अब वक्फ संपत्तियों का दुरूपयोग नहीं होगा, अब देश में शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड नहीं होगे। मुस्लिम समुदाय को विभाजित करने वाला नियम खत्म हो जायेगा। अब वक्फ कमेटियों में सभी मुसलमानो को प्रतिनिधित्व मिलेगा। सदन में कांग्रेस, सपा, टीएमसी, आरजेडी, डीएमके सहित अन्य कई पार्टियों ने इस बिल का विरोध किया लेकिन एक भी सांसद यह नहीं बता पाया कि वक्फ एक्ट में संशोधन के बाद मुसलमानो को आखिर क्या नुकसान होने वाला है। विपक्ष केवल मोदी के विरोध को लेकर ही विरोध करता है। चाहे तीन तलाक़ कानून या धारा 370 और अब वक्फ संसोधन बिल लेकिन विपक्ष को समझना होगा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देशहित में यदि कोई कानून में बदलाव करना होगा तो निश्चित रूप से करेंगे क्योंकि मोदी है तो मुमकिन है।
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