प्रतिदिन दस हजार से पन्द्रह हजार बोरी सरसों की आवक

AYUSH ANTIMA
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अलवर : राजस्थान सहित देश के कोने-कोने में सरसों के लिए सुप्रसिद्ध खेड़ली अनाज मंडी में खाद व्यापार संघ की हड़ताल के बाद अब रौनक लौटने लगी है, वहीं मजदूर व्यापारी और किसानों में प्रसन्नता दिखाई दे रही हैं। इन दिनों खेड़ली अनाज मंडी में प्रतिदिन 10 हजार से 15 हजार बोरी सरसों की आवक हो रही है, वहीं व्यापारियों ने बताया कि अभी सरसों के कीमत स्थिर रहेगी तथा सरसों के दाम 20% नमी होने पर 5000 से ₹5200 प्रति क्विंटल तथा 10% नमी होने पर 5500 से 5600 प्रति क्विंटल  बेची जा रही है। वहीं किसान अबकी बार कम पैदावार को लेकर निराश हैं। किसानों ने बताया कि पिछली वर्ष प्रति बीघा 15 मन सरसों उत्पादन हुआ था, जो अबकी बार 9 से 10 मन का प्रति बीघा पैदावार रही है। एक किसान ने बताया कि पिछली बार के मुकाबले इस बार सरसों के दाम कम मिल रहे हैं, जिसके चलते फसल का पूरा खर्चा भी नहीं मिल पा रहा है लेकिन हड़ताल के बाद दोबारा काम शुरू होने को लेकर किसानों में एक आशा की किरण दिखाई पड़ी। कई किसानों का कहना था कि पिछले दिनों मंडी के बंद रहने से भी काफी नुकसान हो रहा था। वही एक आढ़ती का कहना था कि पिछले दिनों हुई हड़ताल के बाद अब अनाज मंडी खुलने से मंडी में रौनक दिखाई पड़ने लगी है, साथ ही कारोबार भी धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है। उनका कहना था की मंडी में प्रतिदिन 10 से 15000 बोरी सरसों की बिकने के लिए आ रही है। सरसों का भाव अभी स्थिर रहेगा।
गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से अनाज मंडी में हड़ताल के चलते वीरानी पसर गई थी लेकिन हड़ताल समाप्त होते ही दोबारा फसलों की आवक शुरू हो गई है, जिससे किसानों और आढ़तियों के चेहरे खिले हुए है। हालांकि सरसों की सही रेट ना मिलने के चलते किसान खासे खुश तो नहीं है लेकिन फिर भी कुछ न होने से थोड़ा होने की तर्ज पर बहरहाल काम तो शुरू हो ही गया है।
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