गर्मियों में स्वास्थ्य को स्वस्थ रखने के लिए महत्वपूर्ण बातें

AYUSH ANTIMA
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गर्मी का मौसम सेहत पर कई तरह से प्रभाव डाल सकता है। विशेष रूप से फेफड़े, पाचन तंत्र और हृदय को इस दौरान अतिरिक्त देखभाल की जरूरत होती है। आइये इस लेख के माध्यम से समझते हैं कि गर्मी के मौसम में आप अपने फेफड़े, पाचन तंत्र और हृदय को कैसे स्वस्थ रख सकते हैं।

*डॉ.प्रीतपाल कौर, पल्मनोलॉजिस्ट, अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, करोल बाग, दिल्ली:* गर्मी में धूल, प्रदूषण और उमस फेफड़ों के लिए हानिकारक हो सकते हैं, खासकर दमा और एलर्जी के मरीजों के लिए। घर से बाहर निकलते समय मास्क पहनें और अत्यधिक धूल-धुएं वाले स्थानों से बचें। गर्मी के दौरान पसीने की अधिकता से शरीर में पानी की कमी हो सकती है, जिससे फेफड़े भी प्रभावित हो सकते हैं, इसलिए हाइड्रेशन पर ध्यान दें और दिनभर में पर्याप्त मात्रा में पानी व अन्य तरल पदार्थ लें। यदि आप व्यायाम करते हैं तो सुबह या शाम के ठंडे समय में ही करें ताकि अत्यधिक गर्मी से बचा जा सके। अत्यधिक गर्म और शुष्क हवा फेफड़ों में जलन पैदा कर सकती है, इसलिए ठंडी जगह पर रहें और एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करें। सांस लेने में कठिनाई महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

*डॉ.अमर सिंघल, डायरेक्टर, इंटरवेंशनल, क्लिनिकल एंड क्रिटिकल कार्डियोलॉजी एंड इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट, दिल्ली:*  गर्मी के दौरान हृदय को अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है क्योंकि शरीर को ठंडा रखने के लिए रक्त संचार तेज हो जाता है। ऐसे में डिहाइड्रेशन से ब्लड प्रेशर असंतुलित हो सकता है, जिससे दिल की समस्याएं बढ़ सकती हैं। दिनभर में पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखें। गर्मी के समय अधिक तीव्र व्यायाम करने से बचें और सुबह या शाम के समय हल्का व्यायाम करें। नमक और फैट युक्त भोजन की अधिकता हृदय पर अतिरिक्त दबाव डाल सकती है, इसलिए संतुलित आहार लें। यदि आपको पहले से हृदय संबंधी कोई समस्या है, तो अत्यधिक गर्मी में बाहर जाने से बचें और एयर-कंडीशन्ड या ठंडी जगह पर रहें। सांस फूलना, चक्कर आना या सीने में भारीपन महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। गर्मी में तनाव और धूप से बचाव के लिए आराम करना और उचित नींद लेना भी जरूरी है।

*डॉ.अभिषेक यादव, कंसल्टेंट गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट, छत्रपति शिवाजी सुभारती हॉस्पिटल, मेरठ:*  गर्मी में पाचन क्रिया अक्सर धीमी हो जाती है, जिससे अपच, एसिडिटी और पेट की अन्य समस्याएं बढ़ सकती हैं। पर्याप्त पानी पीना जरूरी है, क्योंकि शरीर में पानी की कमी से कब्ज और पेट में जलन हो सकती है। हल्का, ताजे फलों और सब्जियों से भरपूर भोजन करें और तले-भुने या मसालेदार खाने से बचें। अधिक गर्मी के कारण फूड पॉइजनिंग और डायरिया जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं, इसलिए बाहर का और बासी भोजन न करें। प्रीबायोटिक और प्रोबायोटिक युक्त खाद्य पदार्थ जैसे दही और छाछ का सेवन करें ताकि पेट के अच्छे बैक्टीरिया संतुलित रहें। कैफीन और अधिक शक्कर वाले पेय पदार्थों से बचें, क्योंकि वे शरीर को डिहाइड्रेट कर सकते हैं। पाचन को बेहतर बनाए रखने के लिए खाने के तुरंत बाद अधिक मेहनत वाले काम न करें और सिर्फ हल्की फिजिकल एक्टिविटी करें।
गर्मी में स्वस्थ रहने के लिए सही खानपान, हाइड्रेशन और सावधानियों का पालन करें। छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर आप गर्मी के प्रभाव से बच सकते हैं और अपनी सेहत को बेहतर बनाए रख सकते हैं।

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