भाजपा की डबल इंजन सरकार का बजट आया। इसमें भाजपा के विधायकों ने खूब पीठ थपथपाई कि झुन्झुनू को जो सौगातें बजट में मिली है, वह आजाद भारत के इतिहास में पहले कभी नहीं मिली। यदि पिलानी विधानसभा की बात करें तो शायद ही वित मंत्री महोदया ने कोई ऐसी घोषणा की हो जिससे लगे कि डबल इंजन सरकार पिलानी विधानसभा के आवाम से सौतेला व्यवहार नहीं कर रही क्योंकि यहां से कांग्रेस के विधायक है। राजा का राज धर्म होता है कि सारी प्रजा को समान दृष्टि से देखें वैसे भी भाजपा का मूल मंत्र है सबका साथ सबका विकास। क्या पिलानी विधानसभा के आवाम को इस बात की सजा दी गई कि उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार को चुना ? जनादेश का सभी को सम्मान करना चाहिए और भाजपा को यह भी नहीं सोचना चाहिए कि यह विधानसभा चुनाव कोई अंतिम चुनाव नहीं है। पिलानी विधानसभा के आवाम की सरकार ने तो सुनी ही नही, इसके साथ ही ईश्वर ने भी नहीं सुनी। कल भयंकर ओलावृष्टि ने पिलानी विधानसभा के गांवों पर इतना कहर बरसाया कि गेहूं व सरसों की फसल को चौपट कर दिया। किसान अपनी फसल की कमाई को मिट्टी में मिलती देख कातर नजरों से सरकार की तरफ निहार रहा है। वैसे तो प्राकृतिक आपदा पर किसी का भी नियंत्रण नहीं है, यह केवल ईश्वर के हाथों मे ही है लेकिन प्राकृतिक आपदा के बाद यदि सरकार किसानों के उन घावो पर सहायता की मलहम लगा दे तो कुछ हद तक उनको भी लगे कि सरकार उनके साथ कंधे से कंधा लगाए खड़ी है। यही राज धर्म की निशानी भी है कि राजा किसी भी आपदा में अपने जनमानस के साथ खड़ा दिखे। आयुष अंतिमा (हिन्दी समाचार पत्र) ने हमेशा जन मानस की आवाज बनकर उनकी दिक्कतों व परेशानियों को लेकर सरकार के संज्ञान में लाने का काम किया है। यही पत्रकारिता का धर्म भी है और सार्थक पत्रकारिता भी क्योंकि पत्रकारिता सरकार व आमजन के बीच सेतु का काम करती है। किसानों की पीड़ा को देखकर लेखनी ने अपने धर्म का निर्वहन किया है। पिलानी विधानसभा के किसानों का भजन लाल शर्मा सरकार को खुला पत्र है कि उनकी वेदना को समझे और तात्कालिक वह उपाय करें, जिससे इस सदमे से उभरने में सहायक सिद्ध हो।
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