बीकानेर में रेलवे क्रासिंग पर राजनीति दर राजनीति

AYUSH ANTIMA
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बीकानेर में कोटगेट तथा सांखला रेलवे क्रासिंग का समाधान कब होगा, कोई नहीं कह सकता क्योंकि यह मसला राजनीति, बाईपास समर्थकों और केईएम रोड बाजार को यथावत रखने की जुगत में लगे व्यापारियों के हाथों का खिलौना बना हुआ है। जब मामला उच्च न्यायालय, कांग्रेस, बीजेपी, बाईपास समर्थक और केईएम बाजार के व्यापारी   संचालित कर रहे हैं, तब सरकार भी इनके इर्द गिर्द ही चलती है। जब भैरोंसिंह शेखावत मुख्यमंत्री हुआ करते थे, तब से समाधान के आश्वासन मिलते रहे हैं। यानि राजनीति होती रही है। तब से  वसुंधरा राजे सरकार सारी प्रक्रियाएं पूरी करके भी एलिवेटेड रोड नहीं बना पाई। अशोक गहलोत सरकार ने अंडर ब्रिज की स्वीकृति करके भी कुछ नहीं किया। कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे डॉ.बीडी कल्ला तो शुरू से ही बाईपास का मुद्दा उठाते रहे हैं। पूर्व विधायक आर.के.दास गुप्ता बाईपास के लिए उच्च न्यायालय में लड़ रहे हैं। कोई एलिवेटेड ट्रैक की तरफदारी कर रहा है तो कोई ओवर ब्रिज होना ठीक बता रहे हैं। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने तो कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री कल्ला की रेल मंत्री से इसी मुद्दे पर मीटिंग भी करवाई। बाईपास की वकालत करने वाले पूर्व विधायक आर.के. दास गुप्ता को भी रेल मंत्री से मिलाया। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस मुद्दे पर कितना कुछ किया है, बताने की जरूरत नहीं है। जनता समझती है कि केवल राजनीति ही हो रही है। क्या बनना चाहिए यह इंजीनियरिंग का मामला है तय नेता कर रहे हैं। दुर्भाग्य है कि शहर जिला कांग्रेस कमेटी 12 फरवरी को कोटगेट पर स्वीकृत अंडरपास चालू करवाने की मांग को लेकर धरना देगी। जिला कांग्रेस कमेटी का कहना है कि  कोटगेट और सांखला फाटक के लिए अशोक गहलोत की कांग्रेस सरकार की ओर से स्वीकृत अंडर ब्रिज का कार्य भाजपा सरकार के 14 माह के कार्यकाल में शुरू नहीं हो पाया है। हालांकि बीकानेर पश्चिम विधायक जेठानंद व्यास ने रेलवे के अधिकारियों से बात कर अंडर  ब्रिज का काम शीघ्र शुरू होने की घोषणा कर दी थी। काम शुरू नहीं हुआ, अंडर ब्रिज बनाने का विरोध शुरू हो गया। एलिवेटेड ट्रैक का नया जुमला आ गया। कांग्रेस तो अंडर ब्रिज ही चाहती है। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम चाहे तो किसी कार्यक्रम के मंच से रेल मंत्री को श्रोताओं के समक्ष फोन करके चुटकियों में रेल फाटक की समस्या का निवारण कर सकते हैं, जैसे उन्होंने वर्षों से लंबित ड्राइपोर्ट के मामले को व्यापारियों के सामने फोन करके निपटा दिया, तालियां बटोर ली। अब ड्राइपोर्ट शुरू होने ही वाला है। ऐसे ही रेल फाटक भी...।

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