*अलवर में एक अनोखे अंदाज में मनाया गया महाशिवरात्रि पर्व*
अलवर यूं तो महाशिवरात्रि पर्व देश भर में बड़े ही श्रद्धा और हर्षोल्लास से मनाया गया लेकिन अलवर में महाशिवरात्रि के पावन पर्व को पिछले 3 वर्ष से शिव सेवा समिति के द्वारा काला कूआं के समीप स्थित भूरासिद्ध मोक्षधाम में एक अलग अंदाज में मनाया जा रहा है। मृत्यु को जीवन का अंतिम सत्य माना जाता है और मनुष्य की अंतिम संस्कार की जगह शमशान घाट है। शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव का निवास भी मोक्ष धाम में ही होता है। इसी मान्यता के चलते अलवर के जयपुर रोड स्थित भूरासिद्ध मोक्ष धाम में महाशिवरात्रि के दिन शाम 4 बजे से रात्रि 11 तक शिव वाटिका में भगवान शिव के भजनों का गुणगान किया गया और सुंदर-सुंदर झांकियों से देवादिदेव महादेव को रिझाया गया। भजन गायक प्रेमसिंह राठौड़ ने भजनों के रस की गंगा बहाई। कार्यक्रम के आयोजक महंत योगी आकाश नाथ ने बताया कि वैसे तो महाशिवरात्रि पर्व देश के हर शिवालय में मनाया जाता है परंतु पिछले लगभग 3 वर्ष से जयपुर रोड स्थित अलवर के भूरासिद्ध मोक्ष धाम में भगवान शिव की विशाल प्रतिमा और विशाल का शिवलिंग स्थापित कर वहां भगवान शिव का गुणगान किया जा रहा है। पत्रकार मनीष अरोड़ा से एक खास बातचीत में योगी आकाशनाथ में बताया कि ऐतिहासिक महाकुंभ में रिकॉर्ड भक्तों ने जाकर आस्था की डुबकी लगाई है, जो की सनातनी परंपरा की एक अद्भुत मिसाल है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मोक्षधाम में वास्तव में शिव का निवास होता है, जिसके चलते यहां भगवान शिव का भजनों के माध्यम से गुणगान किया गया। इसके साथ ही इस धार्मिक आयोजन में सुंदर झांकियां भी भक्तों के आकर्षण का केंद्र रही। कार्यक्रम में पार्षद लोचन यादव ने भगवान शिव की आरती करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया। वहीं एडवोकेट ने बताया कि शिव वाटिका समिति मोक्ष धाम में कई नवाचार करने के प्रयास में है, जिसके चलते पौधारोपण सहित एक अद्भुत स्थान बनाने का समिति प्रयास करेगी। इस भव्य आयोजन में शहर के कई गणमान्य लोग मौजूद रहे। वही कार्यक्रम के दौरान यह चर्चा भी रही कि यह अलवर में एक अनूठी पहल है, जिसके चलते मोक्षधाम में भगवान शिव के भजनों का गुणगान कर मंगलाचार किया गया है।