स्वतंत्रता सेनानी विजय सिंह पथिक की जयंती मनाई

AYUSH ANTIMA
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कोटपूतली (रमेश बंसल मुन्ना): कस्बे के डाबला रोड़ स्थित राजकीय कन्या महाविद्यालय परिसर में गुरूवार को राजस्थान  किसान आंदोलन के प्रणेता व महान स्वतंत्रता सेनानी विजय सिंह पथिक की जयंती मनाई गई। इस मौके पर जिला पार्षद मंजू रावत, प्राचार्य डॉ.आर.पी. गुर्जर ने विजय सिंह पथिक के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। प्राचार्य डॉ.गुर्जर ने कहा कि विजय सिंह पथिक का भारत के स्वतंत्रता संग्राम, विशेषकर किसानों के हक के लिए किए गये संघर्ष में निर्णायक योगदान रहा है। यद्यपि यह विडम्बना है कि उनके योगदान को जितना महत्व दिया जाना चाहिए था उतना नहीं दिया गया। अत: इस दिशा में ओर अधिक शोध कर उनकी भूमिका को रेखांकित किया जाना चाहिये। जिला पार्षद मंजू रावत ने कहा कि पथिक द्वारा सामान्तशाही व ठिकानेदारों द्वारा आम जनता विशेषकर किसानों के विरूद्ध होने वाले अत्याचारों के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ी तथा अपने अखबार राजस्थान केसरी के माध्यम से राजस्थान में राजनैतिक जागरूकता की दिशा में बड़ा योगदान दिया। कार्यक्रम संयोजक डॉ.जे.आर.गुर्जर ने बताया कि राजस्थान सेवा संघ नामक संगठन की स्थापना कर विजय सिंह पथिक ने ना केवल बिजौलिया बल्कि बेंगू के किसान आन्दोलन को नवीन धार प्रदान की। उन्होनें हार्डिंग बम काण्ड, लाहौर षड्यंत्र के बाद अपना वेश बदल लिया तथा नाम बदलकर भूपसिंह गुर्जर के स्थान पर विजय सिंह पथिक रखकर स्वतंत्रता संघर्ष को आगे बढ़ाया। सहायक आचार्य विमल कुमार यादव ने कहा कि किसानों की समस्याओं को राष्ट्रीय परिदृश्य पर उठाने, मेवाड़ में किसानों से लिये जाने वाले 84 प्रकार के करों व लाग-बागों को हटवाने तथा जन-जागरूकता की दिशा में विजय सिंह पथिक द्वारा अनेकों कठिनाईयों के बावजूद महान कार्य किया गया तथा क्रांतिकारी राष्ट्रवाद को आगे बढ़ाने का कार्य किया। इस दौरान डॉ.भावना चौधरी, डॉ.उदयवीर तोषावर, प्रो.चंचल कुमारी, प्रो.ओमप्रकाश कपूरिया, प्रो.चन्द्रप्रभा, प्रो.यामिनी यादव, राकेश सुण्डा, रमेश कुमार गुर्जर समेत महाविधालय स्टॉफ एवं छात्रायें उपस्थित रहे।

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