अलवर/जयपुर: आमतौर पर आमजन में पुलिस की छवि एक सख्त विभाग के रूप में जानी जाती है लेकिन पुलिस का भी एक मानवीय पहलू है। इसका एक प्रमाण मकर संक्रांति के दिन राजस्थान पुलिस के उच्च अधिकारियों के द्वारा निर्धन बालकों के साथ मकर संक्रांति का पर्व मनाए जाने से सामने आया है। पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ, अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर योगेश दाधीच और पुलिस उपायुक्त (ईस्ट) श्रीमति तेजस्वनी गौतम ने मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में झालाना कच्ची बस्ती व खारवाल बस्ती, गलता गेट पहुँचकर नन्हे बच्चों के साथ मकर संक्रांति की शुरुआत की।*
बच्चों का हुजूम पुलिस अंकल मुझे पीले रंग की पतंग चाहिए, पुलिस आंटी मुझे ब्लू रंग वाली चकरी दो की आवाज़ों से गूंजी, बस्ती देखते ही बनती थी।*
पुलिसिंग विद ए सोशल कॉज़ शायद इसे ही कहते हैं। पतंग माँझे और लड्डू पाकर बच्चों की मुस्कान देखते ही बनती थी। पुलिस आयुक्त ने सभी को मकर सक्रान्ति की बहुत बहुत शुभकामनाएँ दी। उल्लेखनीय है कि पुलिस कमिश्नर बीजू जोर्ज जोसेफ और तेजस्विनी गौतम अलवर में भी जिला पुलिस अधीक्षक पर पद पर कार्यरत रहे, जिनका कार्यकाल आज भी जिले में बड़े गौरव के साथ याद किया जाता है। बालकों को पतंग-मांझा और मिठाई के वितरण से पुलिस ने एक नई मिसाल कायम की हैं। राजस्थान पुलिस के द्वारा निर्धन बच्चों के साथ मनाई गई मकर संक्रांति के कम से पुलिस का आमद के समक्ष एक नया चेहरा सामने आया है।