पूर्वोत्तर के राज्य आयुर्वेद की औषधियों के भंडार है: प्रो.संजीव कुमार, कुलपति, राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर

AYUSH ANTIMA
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जयपुर (श्रीराम इंदौरिया): राष्ट्रीय एकात्मकता यात्रा के द्वितीय दिन पूर्वोत्तर भारत के आठ राज्यो से पधारे विद्यार्थीयो ने विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं में भ्रमण किया। राज्य के सबसे बड़े महिला महाविद्यालय महारानी महाविद्यालय में प्रतिनिधिमंडल का संवाद कार्य्रकम आयोजित किया गया, जिसमें महारानी महाविद्यालय की प्राचार्या द्वारा महारानी महाविद्यालय के गौरवशाली इतिहास एवं बालिका शिक्षा से सम्बन्धित नवाचारों से प्रतिनिधिमंडल को अवगत कराया। संवाद में विभिन्न राज्यो की संस्कृतियो के अनुभव प्रतिनधिमण्डल द्वारा साझा किये गए। प्रो.पायल लोढा ने बताया कि भारत की एक लंबी सांस्कृतिक यात्रा है, ऐसी राष्ट्रीय एकात्मकता यात्राएं उसे और मजबूती प्रदान करती है।
प्रतिनधिमण्डल अपनी यात्रा के अगले चरण में राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर में गए। जहां पर आयुर्वेद विषय पर संस्थान के कुलपति प्रो.सजीव कुमार से प्रतिनिधिमण्डल की विस्तृत चर्चा हुई। जिसमें उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर के राज्य ने केवल औषधियों के भंडार है अपितु वहां पर आयुर्वेद का प्राचीन ज्ञान भी है। आयुर्वेद में भारत के सांस्कृतिक वैविध्य के अनुरूप ही चिकित्सा पद्धति है। इसके पश्चात राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान का भृमण किया और विभिन्न आयुर्वेद उपचार पद्धतियों जैसे पंच कर्म आदि के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। SEAL प्रतिनिधिमंडल जैव विविधता को समझने हेतु अपनी यात्रा के अगले चरण में नाहरगढ़ जैव उधान गए। इसके पश्चात हाथी गाँव मे भृमण हेतु गए। संध्या के समय भगवान गोविंद देव जी के मंदिर में दर्शन उपरांत मेजबान परिवारों के घर प्रस्थान किया।

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