उर्दू माध्यम स्कूलों को हिंदी के साथ मर्ज करने पर भड़का विरोध, कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा

AYUSH ANTIMA
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अजमेर: शहर के दरगाह क्षेत्र में स्थित अंदरकोट इलाके में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, बड़बाव (उर्दू माध्यम) और राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय, अंदरकोट (उर्दू माध्यम) सन् 1941 से अल्पसंख्यक बच्चों को उर्दू भाषा में शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। वर्तमान में इन स्कूलों में लगभग 300 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार 17 जनवरी को माध्यमिक शिक्षा निदेशक, बीकानेर के आदेश पर इन उर्दू मीडियम स्कूलों को हिंदी माध्यम के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, बड़बाव में मर्ज कर दिया गया। इस निर्णय से अभिभावकों और क्षेत्रवासियों में गहरा असंतोष है। कांग्रेस नेता महेंद्र सिंह रलावता ने ज्ञापन में कहा है कि उर्दू माध्यम के इन स्कूलों को हिंदी माध्यम में मर्ज करने के आदेश को तुरंत निरस्त किया जाए। स्कूलों को मर्ज किए जाने के फैसले को अंदरकोट क्षेत्र के निवासियों और अभिभावकों ने शिक्षा के अधिकार और अल्पसंख्यकों की सांस्कृतिक पहचान पर हमला बताया। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि इस फैसले को जल्द वापस नहीं लिया गया तो व्यापक स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।

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