कोटपूतली : शासन-प्रशासन के तमाम प्रयासों के बावजूद भी कोटपूतली कस्बे की सभी मुख्य सडक़ों समेत राजमार्ग व सर्विस लेन पर प्रतिदिन लगने वाला जाम अब जी का जंजाल बन चुका है। रोजमर्रा की इस समस्या का मुख्य कारण कस्बे में लगातार बढ़ता ट्रैफिक एवं जयपुर-दिल्ली राजमार्ग की तकनीकी खामियां भी है। विशेष तौर पर कोटपूतली में बना ऐलीवेटेड पुलिया जिसके निर्माण के समय की गई गलतियां आज ना सिर्फ कस्बावासियों बल्कि राजमार्ग से गुजरने वाले यातायात के लिये भी नासूर बन चुकी है। इसमें जहाँ सुधार के प्रयास ना काफी है। वहीं दुसरी ओर रोजाना की जा रही अलग-अलग गलतियों से सुगम यातायात के स्थान पर जाम का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है।
*वर्ष 2009 में निर्माण के समय ही हुई गलतियां*
दरअसल में जयपुर-दिल्ली राजमार्ग के सिक्स लेन विस्तारीकरण के समय दिल्ली से लेकर जयपुर के बीच विभिन्न कस्बों एवं गांवों में राजमार्ग के दोनों और आवागमन के लिये ऐलीवेटेड पुलिया बनाये गये थे। जिसमें सबसे बड़ा पुलिया कोटपूतली कस्बे के लिये स्वीकृत किया गया था। जिसमें राजमार्ग पर बुढ़ी के होटल से लेकर पूतली कट तक 03 किमी से अधिक लम्बा ऐलीवेटेड पुलिया बनाया जाना था। लेकिन यूपीए-2 सरकार के समय हुये अलग-अलग संशोधन के बाद इस ऐलीवेटेड पुलिया को छोटा कर दिया गया। जो कस्बे में राजमार्ग पर लक्ष्मीनगर मोड़ के पास से शुरू होकर राजकीय बीडीएम जिला अस्पताल के पास खत्म हो गया। इस पुलिये में कस्बे की फल-सब्जी व अनाज मण्डी के लिये बहुपयोगी बानसूर कट, गोपालपुरा मोड़, लक्ष्मी नगर कट के साथ-साथ कस्बे की लाईफ लाईन माने जाने वाले राजकीय बीडीएम जिला अस्पताल कट एवं श्याम मंदिर कट को भी बंद कर दिया गया। कुल मिलाकर एक मुख्य चौराहे के लिये ही इस ऐलीवेटेड पुलिया का निर्माण हुआ। जिसके बाद बीते 15 वर्षो में जाम व सडक़ हादसों ने कोटपूतली को बेहाल कर दिया है। यही नहीं 15 वर्षो के समय में कोटपूतली उपखण्ड से जिला बन गया लेकिन जाम जैसी मामूली समस्या दूर होने के बजाय दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही रही। हालांकि केन्द्र में एनडीए सरकार बनने के बाद पूतली कट पर पुलिया का निर्माण करवाया गया है एवं बानसूर कट पर प्रस्तावित है। लेकिन रोजमर्रा के लगने वाले जाम ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। लक्ष्मीनगर पर कट बनवाने के लिये कस्बावासी समिति बनाकर निरन्तर प्रयास भी कर रहे है।
*कस्बे से दिल्ली की और 05 किमी तक कोई कट नहीं*
कोटपूतली में राजमार्ग को क्रॉस करने के लिये स्थिति इतनी विकट है कि कस्बे से लेकर दिल्ली की और 05 किमी तक सडक़ को क्रॉस करने के लिये कोई कट या क्रॉसिंग नहीं है। मसलन अगर किसी को बानसूर रोड़ से ट्रांसपोर्ट नगर की और जाना हो तो बस स्टैण्ड के सामने स्थित पुलिया के नीचे से आना होगा, अन्यथा सर्विस लेन पर करीब 05 किमी चलने के बाद मोलाहेड़ा ग्राम में ही वीयूपी से क्रॉस करके आया जा सकता है। भांकरोटा हादसे के बाद एनएचएआई द्वारा दा राजस्थान स्कूल कट को बंद कर दिया गया है। जिसके बाद इन दोनों रोड़ पर 05 किमी तक कोई कट नहीं है। लोगों को सडक़ क्रॉस करने के लिये कस्बे के मुख्य चौराहे अथवा मोलाहेड़ा वीयूपी की और जाना ही पड़ता है। जनसंख्या का दबाव कस्बे की और होने की वजह से इसके कारण जाम की स्थिति निरन्तर बनी रहती है।
*राजमार्ग पर लगा किलोमीटरों लम्बा जाम*.
शुक्रवार को भी जयपुर-दिल्ली राजमार्ग व सर्विस लेन पर करीब 10 किमी लम्बा जाम लगा रहा। इस दौरान स्कूल बस, एम्बुलेंस, अग्निशमन वाहन, पानी के टैंकर, यात्री वाहन व बसों समेत जरूरी सेवाओं के साधन भी जाम में फंसे रहे। जिसका असर कस्बे में भी देखने को मिला। कस्बे में सर्विस लेन के साथ-साथ मुख्य चौराहे पर राजकीय एलबीएस पी.जी. महाविधालय, डाबला रोड़, क्रय-विक्रय, राजकीय बीडीएम जिला अस्पताल समेत सभी रास्तों पर केवल जाम और जाम की स्थिति घण्टों तक बनी रही। राजमार्ग पर ग्राम कल्याणपुरा खुर्द से मोलाहेड़ा तक करीब 10 किमी लम्बा जाम लग गया। जिसके कारण वाहन रेंग-रेंग कर चलते रहे। कस्बे में बड़े वाहनों के आमने-सामने फंस जाने के कारण आवागमन में भारी परेशानी का सामना भी करना पड़ा। जिसकी सूचना के बाद यातायात पुलिस ने मोर्चा सम्भालते हुये जाम खुलवाना शुरू किया। शुक्रवार दोपहर बाद करीब 02 बजे लगा जाम 5-6 घण्टे बीत जाने पर भी धीरे-धीरे कर चलता रहा।
*बानसूर कट पर की जा रही तोडफ़ोड़*
एनएचएआई द्वारा राजमार्ग सर्विस लेन की मरम्मत करने के लिये बानसूर कट पर तोडफ़ोड़ की जा रही है। जिसकी वजह से राजमार्ग पर एक तरफा यातायात को भी रोक दिया गया है। जिसके चलते भी यह स्थिति बनी रही। परिवहन निरीक्षक रामकिशोर शर्मा ने बताया कि सर्विस लेन पर हो रही मरम्मत को रूकवाकर यातायात को दुबारा खोल कर चालू किया गया। जिससे वाहनों की लम्बी कतारें लग गई। उल्लेखनीय है कि कोटपूतली में प्रतिदिन लगने वाले इस जाम से निपटने के लिये बड़े एक्शन प्लान की आवश्यकता है। जिसमें स्थानीय स्तर पर पुलिस प्रशासन व एनएचएआई की कमेटी बनाकर इससे निपटने का स्थाई हल ढुंढ़ा जायें एवं तकनीकी कमियों को ढुंढकऱ जड़ से खत्म किया जायें। नहीं तो आने वाले दिनों में बानसूर कट पर पुलिया का निर्माण बड़ी परेशानी का सबब बनेगा।