बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय और कंटिन्युअस एक्सीलेंस प्रा.लि.,जोधपुर और अक्युलैब रिसर्च एंड डेवलपमेंट, मोरबी के बीच हुए एमओयू

AYUSH ANTIMA
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*बीकाने

बीकानेर (श्रीराम इंदौरिया): बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय ने उद्योग और तकनीकी शिक्षा के बीच सहयोग को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए दो समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। बीटीयू के जनसंपर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने बताया कि पहला एमओयू बीटीयू, बीकानेर और कंटिन्युअस एक्सीलेंस प्राइवेट लिमिटेड, जोधपुर के बीच तकनीकी शिक्षा, प्रशिक्षण, अनुसंधान एवं परामर्श सेवाओं में सहयोग हेतु हस्ताक्षर गए हैं। वहीं दूसरा एमओयू बीटीयू और अक्युलैब रिसर्च एंड डेवलपमेंट, मोरबी, गुजरात के बीच हुआ, जिसके अंतर्गत छात्रों की इंटर्नशिप, अनुसंधान एवं तकनीकी सहयोग से संबंधित गतिविधियों चलाई जाएंगी। यह दोनों समझौते माइनिंग इंजीनियर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया तथा बीकानेर डिस्ट्रिक्ट माइंस ओनर्स एसोसिएशन द्वारा बीटीयू के सहयोग से आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन के अवसर पर बीकानेर में सम्पन्न हुए है। इन एमओयू पर बीटीयू की ओर से कुलगुरु प्रो.अखिल रंजन गर्ग तथा कंटिन्युअस एक्सीलेंस प्रा.लि. की ओर से डॉ.सुशील भंडारी, निदेशक एवं पूर्व डीन, एमबीएम यूनिवर्सिटी, जोधपुर तथा अक्युलैब रिसर्च एंड डेवलपमेंट की ओर से निदेशक कमलेश ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर बीटीयू के डीन (इंडस्ट्री-इंस्टीट्यूट रिलेशन्स) डॉ.गणेश प्रजापत, डीन (अकादमिक) डॉ.सुधीर भारद्वाज, डॉ.संजीव जैन, डॉ.सतीश महला, संजीत कुमार, अमित सुधांशु, डॉ.अलका स्वामी, डॉ.ममता शर्मा सहित विश्वविद्यालय के कई पदाधिकारी तथा माइनिंग एवं सिरेमिक उद्योग से जुड़े अनेक उद्यमी, विशेषज्ञ एवं शिक्षाविद भी मौजूद रहे। कुलगुरु प्रो.अखिल रंजन गर्ग ने इस अवसर पर कहा कि यह समझौते न केवल बीटीयू के छात्रों के लिए एक सुनहरा अवसर है, बल्कि माइनिंग और सिरेमिक के क्षेत्र में विश्वविद्यालय के शोध एवं अकादमिक वातावरण को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा। उन्होंने इस सहयोग को "आधुनिक माइनिंग टेक्नोलॉजी की सामाजिक उपयोगिता की दिशा में एक सकारात्मक कदम" बताया। इन एमओयू के माध्यम से दोनों संस्थानों के बीच अनुसंधान कार्यक्रम, संयुक्त परियोजनाएं, छात्रों की इंटर्नशिप, तकनीकी सहयोग एवं शैक्षणिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा। विशेष रूप से आधुनिक माइनिंग और सिरेमिक टेक्नोलॉजी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और स्मार्ट सिस्टम पर कार्य किया जाएगा। इससे न केवल छात्रों को लाभ मिलेगा, बल्कि फैकल्टी के लिए भी शोध व नवाचार के नए द्वार खुलेंगे। यह सहयोग विद्यार्थियों के कौशल विकास में सहयोग के साथ साथ उद्योग और अकादमिक जगत के बीच एक प्रभावी सेतु के रूप में भी कार्य करेगा। इस एमओयू के तहत आपसी साझेदारी के साथ दोनों पक्ष तकनीकी शिक्षा से जुड़ी संभावनाओं और सहयोग की दिशा में मिलकर संयुक्त रूप से कार्य करेंगे। यह साझेदारी दोनों पक्षों के द्वारा तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में अकादमिक उत्कृष्टता को आगे बढ़ाने के लिए संयुक्त सहयोग और शोध करने में सक्षम बनाएगी। राजस्थान सहित देशभर के तकनीकी शिक्षा एवं शोध क्षेत्र को नई दिशा देगा और छात्रों एवं शोधार्थियों को वैश्विक स्तर पर अवसर उपलब्ध कराएगा।

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