सत्ता के दबाव में पुलिस ने आम आदमी पार्टी का कैंडल मार्च रोका: श्रद्धांजलि देने तक से रोकने की कोशिश, फिर भी जनता ने दी मासूमों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि

AYUSH ANTIMA
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जयपुर (श्रीराम इंदौरिया): राजधानी जयपुर के पत्रिका गेट पर बुधवार शाम आम आदमी पार्टी, राजस्थान द्वारा कफ सिरप कांड और एसएमएस ट्रॉमा सेंटर हादसे में मृतकों को श्रद्धांजलि देने हेतु निकाले जा रहे कैंडल मार्च को पुलिस प्रशासन ने सत्ता के दबाव के चलते होने नहीं दिया और विभिन्न मार्गों पर पुलिस जाब्ता तैनात कर कार्यकर्ताओं को पत्रिका गेट तक नहीं पहुंचने दिया। पार्टी कार्यकर्ताओं और जवाहर सर्किल थाना इंचार्ज आशुतोष के बीच काफी जिद्दो बहस के बाद एकत्रित कार्यकर्ताओं ने मुंह पर उंगली रखकर सरकार की नाकामी और लापरवाही के कारण मृतकों को दो मिनट श्रद्धांजलि अर्पित की, जिस पर भी पुलिस प्रशासन ने कड़ी आपत्ति जताई। पुलिस ने प्रारंभ में पार्टी पदाधिकारियों और नागरिकों को एकत्र होने से रोकने की कोशिश की, परंतु सैकड़ों नागरिक, सामाजिक कार्यकर्ता और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता शांतिपूर्ण ढंग से एकत्र हुए और मासूम बच्चों एवं निर्दोष मरीजों के प्रति शोक व्यक्त किया। पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में आप कार्यकर्ताओं ने मासूम लोगों की मौत हो रही है, सत्ता छवि चमकाने के लिए सत्ता का दुरुप्रयोग कर पुलिस के सहारे जनता की आवाज को दबा रही है। इसलिए पुलिस प्रशासन के एतराज के चलते आम आदमी पार्टी भी मौन रहकर मृतकों को श्रद्धांजलि दे रही है लेकिन वह चुप नहीं बैठेगी। 

*यह हादसे नहीं, सरकार की नाकामी और भ्रष्टाचार की देन हैं: धीरज टोकस*

राजस्थान प्रभारी धीरज टोकस ने कहा कि सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए पुलिस का सहारा लेकर जनता की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। कफ सिरप कांड और ट्रॉमा सेंटर की आग — दोनों ही घटनाएं प्रशासनिक भ्रष्टाचार और सिस्टम की सड़ांध का परिणाम हैं। जिन अधिकारियों और मंत्रियों की लापरवाही से मासूमों की जानें गई, वे आज भी कुर्सियों पर हैं, जबकि जिम्मेदारी निभाने वालों को निलंबित कर खानापूर्ति की जा रही है — यह न्याय का मज़ाक है।

*स्वास्थ्य मंत्री और ड्रग विभाग जिम्मेदार: घनेन्द्र भारद्वाज*

सह प्रभारी घनेन्द्र भारद्वाज ने कहा कि राजस्थान में दवा माफिया, भ्रष्ट अफसरों और राजनीतिक संरक्षण का गठजोड़ ही इन मौतों की जड़ है। सरकार को सत्ता का इस्तेमाल अन्याय को ढकने के बजाय सच उजागर करने में करना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खीवसर को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए, अन्यथा मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा उन्हें बर्खास्त करें — नहीं तो मुख्यमंत्री को खुद पद छोड़ देना चाहिए।

*पुलिस की मौजूदगी में भी जनता ने दी श्रद्धांजलि: अभिषेक जैन बिट्टू*

प्रदेश मीडिया कोऑर्डिनेटर अभिषेक जैन बिट्टू ने बताया कि भले ही पुलिस प्रशासन ने दबाव में आकर कार्यक्रम को रोकने की कोशिश की, लेकिन जनता की भावनाओं के आगे कोई दीवार टिक नहीं पाई। लोगों ने शांति और संयम से श्रद्धांजलि दी। यह केवल एक कैंडल मार्च नहीं, बल्कि जनता की अंतरात्मा की आवाज थी। उन्होंने कहा —यह आंदोलन राजनीति नहीं, मानवता के लिए है। जब तक मासूम बच्चों और निर्दोष मरीजों के दोषियों को सजा नहीं मिलेगी, आम आदमी पार्टी सड़कों पर न्याय की मशाल जलाती रहेगी।


*शांति और एकता का संदेश*

कैंडल मार्च के दौरान उपस्थित नागरिकों और कार्यकर्ताओं ने मृत आत्माओं की शांति के लिए मौन रखा। इस मौके पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवीन पालीवाल, संगीता गौर, अमित दाधीच, आशुतोष राका, बीरेंद्र सिंह, प्रशांत जयसवाल, संयुक्त अभिभावक संघ महामंत्री संजय गोयल सहित अनेक सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

*सत्ता बदली लेकिन व्यवस्था नहीं: जनता की टिप्पणी*

मार्च के अंत में उपस्थित नागरिकों ने कहा —यह आंदोलन सत्ता या पार्टी का नहीं, न्याय और इंसानियत का आंदोलन है। भाजपा और कांग्रेस ने वर्षों से सत्ता की अदला-बदली की, लेकिन जनता को न्याय नहीं मिला। अब लोग बदलाव चाहते हैं — नारे नहीं, जवाबदेही।

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