झुंझुनूं (राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला): शहर के चूणा चौक स्थित आशीर्वाद पैलेस में छठे दिवस बुधवार को श्रीमद्भागवत कथा में व्यास पीठ से कथावाचक संत श्री हरिशरण जी महाराज ने कथा में गोवर्धन लीला में, श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों को इंद्र की पूजा छोड़कर गोवर्धन पर्वत की पूजा करने का निर्देश दिया। महाराज जी ने कहा कि ब्रजवासी इंद्र की पूजा करते थे, लेकिन श्रीकृष्ण ने उन्हें समझाया कि वर्षा और प्राकृतिक घटनाओं के लिए गोवर्धन पर्वत ही पूजनीय है, क्योंकि वह गोधन को पालता है और भगवान विष्णु का स्वरूप है। इस पर जब इंद्र ने क्रोध में भयानक वर्षा की, तो श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा लिया और ब्रजवासियों को इंद्र के क्रोध से बचाया और ब्रजवासियों ने पर्वत के नीचे पनाह ली और इंद्र का अहंकार टूटा। बाद में, गोपियाँ और ब्रजवासियों ने श्रीकृष्ण के प्रति अपनी गहरी भक्ति और प्रेम व्यक्त किया। उद्धव-गोपी संवाद में संत श्री ने बताया कि उद्धव गोपियों को ज्ञान और निर्गुण ब्रह्म का उपदेश देते हैं। रास लीला भगवान कृष्ण और गोपियों के बीच प्रेम और दिव्य आनंद की अद्भुत और रहस्यमयी लीला है। यह भगवान कृष्ण और गोपियों के बीच प्रेम और आनंद की दिव्य लीला है, जो रात में वृंदावन में होती है। भगवान कृष्ण गोपियों के साथ नृत्य करते हैं। प्रत्येक गोपी को यह अनुभव होता है कि कृष्ण उसके साथ ही नृत्य कर रहे हैं। यह लीला कृष्ण और गोपियों के अटूट प्रेम और मिलन का प्रतीक है। कथा के दौरान गोवर्धन पर्वत एवं 56 भोग की सुन्दर झांकी के साथ रास लीला की जीवन्त झाँकी सजाई गई, जो आकर्षण का केन्द्र रही। कथा का शुभारंभ व्यास पीठ पर भागवत पूजन आयोजक तुलस्यान परिवार के श्रीमती स्नेहलता एवं डॉ.तुलस्यान द्वारा किया गया। श्री श्याम आशीर्वाद सेवा संस्थान के तत्वावधान और श्री केशरदेव देवकीनंदन तुलस्यान परिवार की ओर से आयोजित इस भागवत कथा के धार्मिक आयोजन में आशीर्वाद पैलेस हाउसिंग सोसायटी सहित शहर की अन्य धार्मिक—सामाजिक संस्थाएं भी सहयोगी है। आयोजक डाक्टर तुलस्यान ने बताया कि कुलदेवी श्री राणीसती जी दादीजी एवं पितृ कृपा से भागवत कथा के आयोजन में प्रतिदिन दोपहर दो से शाम छह बजे तक भागवत कथा के साथ हर दिन सुबह पांच बजे प्रवचन, सात बजे प्रभात फेरी का आयोजन एवं प्रति दिवस सामाजिक सरोकारों में सेवा कार्य भी किये जा रहे है। प्रति दिवस सुबह प्रभातफेरी एवं कथा समापन से पूर्व इस्कॉन मंदिर के हरिभक्तों की ओर से हरिकीर्तन का आयोजन भी आकर्षण का केंद्र रहा। भागवत पूजन मूलपाठ पंडित संजू के आचार्यत्व में विद्वान पंडितों द्वारा किया गया। शहर के प्रसिद्ध पुष्करजी केटर्स के हरीश तुलस्यान द्वारा प्रसाद की सुन्दर व्यवस्था की गयी एवं कथा स्थल को बहुत ही सुन्दर रूप से मां भगवती डायमंड आर्ट के आशीष तुलस्यान द्वारा सजाया गया। कथा का समापन आरती पश्चात सभी भक्तों को प्रसाद वितरण के साथ किया गया। इससे पहले कथा में उपस्थित विशिष्ट जनों को संत श्री हरिशरण जी महाराज ने दुपट्टा ओढ़ाकर राधा कृष्ण का प्रतीक चिन्ह भेंटकर आशीर्वाद दिया। आज़ 30 अक्टूबर को कथा का समय दोपहर एक बजे से रहेगा एवं कथा को फूलों की होली के साथ विश्राम दिया जाएगा।
श्रीमद्भागवत कथा में गोवर्धन पर्वत: 56 भोग एवं रासलीला की जीवंत झांकी आकर्षण का केंद्र रही
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October 29, 2025
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