जयपुर (महेश झालानी): प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), जयपुर जोनल कार्यालय की ओर से जयपुर के किशनपोल में टिक्कड़मल का रास्ता स्थित कम्पनी मेसर्स रोमेश पावर प्रोडक्ट्स प्रा.लि. (RPPPL) एवं अन्य के प्रकरण में जयपुर स्थित 7 आवासीय एवं व्यावसायिक परिसरों पर तलाशी अभियान चलाया। यह तलाशी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 के प्रावधानों के अंतर्गत बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में की गई। ईडी ने मेसर्स रोमेश पावर प्रोडक्ट्स प्रा. लि. एवं उसके निदेशकों राधामोहन बम्ब और कृष्ण मोहन खंडेलवाल सहित अन्य व्यक्तियों के विरुद्ध जांच की कार्यवाही सीबीआई, जयपुर द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर प्रारंभ की। सीबीआई का आरोप था कि कंपनी ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र से 17.5 करोड़ रुपये का ऋण लिया था, जो बाद में एनपीए हो गया। आरोप है कि कंपनी ने इस बैंक ऋण की राशि को निदेशकों द्वारा व्यक्तिगत और संबद्ध पक्षों के लाभ के लिए हेराफेरी एवं डायवर्ट कर दिया।
ईडी की जांच एवं तलाशी कार्यवाही में यह तथ्य सामने आया कि कम्पनी जो कि इलेक्ट्रिक केबल के निर्माण एवं बिक्री के कार्य में संलग्न थी, ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र से ऋण सीमा बढ़वाने के लिए स्टॉक/बिक्री के आंकड़े बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत किए और बोनस शेयर जारी करने के फर्जी प्रमाण पत्र जमा किए। इन्हें एक चार्टर्ड अकाउंटेंट ने प्रमाणित किया था। निदेशकों ने निधियों को अनधिकृत खातों के माध्यम से डायवर्ट किया और बैंक के पास गिरवी रखे स्टॉक को खत्म कर दिया और आपराधिक साजिश के तहत भ्रामक तथ्य प्रस्तुत किए। तलाशी के दौरान लगभग 10 लाख रुपये नकद एवं विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद एवं जब्त किए गए, साथ ही अपराध की आय से संबंधित लगभग 3 करोड़ रुपये मूल्य की अचल संपत्तियों एवं सावधि जमा (FDs) से जुड़ी दस्तावेज भी प्राप्त हुए। इसके अतिरिक्त कुछ बैंक खातों को भी सीज किया गया, आगे की जांच जारी है।