जुलूस विभिन्न मार्गों से होते हुए करबला पहुंचकर महासभा में परिवर्तित हुआ

AYUSH ANTIMA
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जयपुर (वसीम अकरम कुरेशी): हजरत मुहम्मद सल्ललाहु अलैहि वसल्लम के 1500वें जश्ने ईद मिलादुन्नबी के मौके पर निकाले गए जुलूस में बड़ी संख्या में अकीदतमंद शामिल हुए और सांप्रदायिक सौहार्द, सद्भाव व एकता का संदेश देते हुए शांतिपूर्वक कतारबद्ध चलते रहे। वाहिद मेमोरियल वेलफेयर एंड रिलीफ सोसायटी की ओर से राजधानी जयपुर में निकाले गए इस जुलूस में शहर के विभिन्न क्षेत्रों तथा आसपास के इलाकों से लोग जुलूस बनाकर रवाना हुए और कर्बला पहुंचे। शहर का मुख्य जुलूस सुन्नी दावते इस्लामी के निगरां हजरत मौलाना सैयद मोहम्मद कादरी साहब की सदारत व मौलाना इरफान बरकाती की निगरानी में पहाड़गंज से रवाना हुआ। वहीं जयपुर शहर मुफ्ती अब्दुल सत्तार साहब की सरपरस्ती में घाट गेट से रवाना होकर रामगंज चौपड़ होते हुए चार दरवाजा सर्किल पर पहुंचा, जहां सभा हुई, जिसे विभिन्न इस्लामी विद्वानों ने संबोधित किया। इसके बाद जुलूस सुभाष चौक होते हुए जोरावर सिंह गेट, रामगढ़ मोड़, आमेर रोड से गुजरते हुए मैदान ए कर्बला पहुंचकर महासभा में परिवर्तित हो गया। यहां पर सुन्नी दावते इस्लामी के ज़िम्मेदारों, इस्लामी विद्वानों, उलेमा हजरात ने बड़ी संख्या में जमा हुए अकीदतमंदों को संबोधित किया। वहीं विभिन्न इस्लामी विद्वानों ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के बताए गए तरीके कार को अपनाकर जीवन यापन का संदेश दिया। वहीं हजरत मौलाना सैयद मोहम्मद कादरी साहब ने सरवरे कायनात के बताए गए तरीके कार पर बल दिया। दौराने जुलूस हाजी हसीन अहमद व हाजी नायब ने जुलूस में शामिल अकीदतमंदों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। सलातो सलाम व दुआ के साथ जुलूस व महासभा का समापन हुआ। वहीं उपस्थित जनों ने देश, प्रदेश व शहर जयपुर में अमन, चैन, शांति व सद्भाव की फिजा बनाए रखने का संकल्प लिया।

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