जयपुर (श्रीराम इंदौरिया): राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर में द्रव्यगुण विभाग द्वारा “द्रव्यगुणोदीयमानम्” विषय पर 6 दिवसीय सीएमई कार्यक्रम का शुभारंभ सोमवार को किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन आयुष आहार समिति की अध्यक्ष एवं पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर मीता कोटेचा ने किया। उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए प्रो.कोटेचा ने कहा कि “आयुर्वेद में औषध द्रव्यों की तरह आहार द्रव्यों का मानकीकरण भी आज की आवश्यकता बन गया है। आयुष मंत्रालय, भारत सरकार इस दिशा में निरंतर कार्य कर रहा है, जिसके परिणामस्वरूप आयुष आहार नियमावली 2022 का प्रकाशन किया गया है।” इस अवसर पर द्रव्यगुण विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सुदीप्त रथ ने सीएमई के विषय मे जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य औषधियों की गुणवत्ता एवं कार्यमुक्ता को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्रमाणित करना है। इस हेतु प्रतिभागियों को एचपीएलसी, एचपीटीएलसी, एलसी-एमएस, आईसीपी-एमएस, जीसी-एमएस, माइक्रो सिटी एवं एनिमल एक्सपेरिमेंटेशन जैसे आधुनिक उपकरणों और विधियों की जानकारी एवं प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। प्रो.सुदीप्त रथ ने बताया कि इस सीएमई में भारत वर्ष के 15 राज्यों से कुल 30 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। उद्घाटन सत्र में संस्थान के समस्त शिक्षकगण, छात्र-छात्राएं एवं शोधार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम आगामी दिनों में विविध तकनीकी सत्रों और प्रायोगिक कार्यशालाओं के माध्यम से द्रव्यगुण विषय को आधुनिक संदर्भों में सुदृढ़ करेगा।
राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर में द्रव्यगुणोदीयमानम् विषय पर 6 दिवसीय सीएमई कार्यक्रम का शुभारंभ
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September 08, 2025
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