अलवर (ब्यूरो): रामगढ़ के पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने अलवर सर्किट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर सरिस्का के जंगलों में औषधीय वृक्षों के रोपण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरिस्का की पारिस्थितिकी संतुलित रखने और स्थानीय वन्य जीवन को समृद्ध बनाने के लिए औषधीय पेड़ों जैसे पीपल, बड़, गोंद के वृक्षों को फिर से लगाने की जरूरत है। पूर्व विधायक आहूजा ने कहा कि इस संबंध में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और राज्य के वन मंत्री संजय शर्मा को लिखित अनुरोध पत्र भेजा जाएगा, जिसमें सरिस्का अभयारण्य क्षेत्र और आसपास की पहाड़ियों में विशेष रूप से औषधीय वृक्षारोपण अभियान चलाने की मांग की गई है। उन्होंने कहा पहले इन जंगलों और पहाड़ों में पीपल, बड़, गोंद जैसे बहुउपयोगी वृक्ष बड़ी संख्या में पाए जाते थे, लेकिन अब इनकी संख्या लगातार घटती जा रही है। उन्होंने चेताया कि यदि समय रहते इन वृक्षों का पुनः रोपण नहीं किया गया तो क्षेत्र की पारिस्थितिकी को भारी नुकसान हो सकता है। आहूजा ने वन मंत्री को सलाह देते हुए कहा कि देश में माता वैष्णो देवी सहित देश के कई प्रसिद्ध मंदिर पहाड़ों के ऊपर स्थित है इसलिए पहाड़ों पर स्थित मंदिरों को सरकार ना तोड़े क्योंकि धर्म की जड़ सदैव हरी होती है। उन्होंने वन विभाग को सलाह दी की विदेशी पौधे सुंदर भले ही दिखाई देते हैं लेकिन किसी काम के नहीं है इसलिए स्वदेशी पौधे लगाए, जिससे की हरियाली तो बढ़ेगी ही इसके अलावा अगर औषधीय पौधे लगाए जाते हैं तो औषधीय पौधे रोगों के रोकथाम में भी काम आते हैं।
3/related/default