आजादी के बाद से पिलानी विधानसभा को ऐसे कर्मठ नेता मिले हैं कि उनके अथक प्रयासों से पिलानी विधानसभा शीघ्र ही शंघाई में परिवर्तित हो जायेगा। सौगातों का शंखनाद सुनते सुनते पिलानी विधानसभा के आवाम के कान पक गये व भ्रमित होकर सोच रहा है कि आखिर इन सौगातो का जन्मदाता आखिर कौन है। इन नेताओं की आजकल अर्जुन दृष्टि जयपुर सचिवालय पर टिकी रहती है और ज्यों ही बजट प्रावधानों के अनुसार किसी काम की वित्तीय स्वीकृति जारी होती है तुरंत उसको लपक लेते है और फिर शुरु होता है महिमा मंडन का खेल। जैसे आज तक जनहित को सर्वोपरि रखने वाले नेता यही है। अभी हाल ही में पिलानी विधानसभा मे राजस्थान बजट प्रावधानो को लेकर सड़कों का निर्माण और पेंच वर्क के लिए धनराशि आवंटन की एक लिस्ट जारी हुई थी, उसको लेकर पिलानी विधायक व भाजपा प्रत्याशी आमने सामने हैं और दोनों में इन कार्यों की अनुशंसा को लेकर होड़ मची हुई है। इसको लेकर आमजन में चर्चा है कि आखिर पिलानी विधानसभा में क्या हो रहा है। काम तो इससे पहले भी हुए हैं। स्वर्गीय सुंदर लाल से लेकर जेपी चंदेलिया के कार्यकाल में भी बहुत काम हुए हैं लेकिन इनको लेकर इतने ढोल नगाड़े आज तक नहीं सुने। विदित हो चाहे जनहित के काम कांग्रेस के वर्तमान विधायक करवाए या भाजपा प्रत्याशी रहे भाजपा के नेता करवाए, यदि यह काम करवा भी दिए तो जनता पर अहसान नहीं किया क्योंकि जनहित के कामों के लिए ही उनको विधानसभा में भेजा है या राजस्थान में डबल इंजन सरकार का गठन हुआ है। अभी हाल ही में झालावाड़ में एक सरकारी स्कूल में हुए दुखद हादसे को लेकर सरकार एक्शन मोड में है और जो जर्जर अवस्था में सरकारी स्कूल है, उनको लेकर सरकार ने ठीक करवाने को लेकर बजट जारी करने की घोषणा की है। उसको लेकर भी श्रेय लेने की होड़ लगी हुई है जबकि यह सभी डिजायर शिक्षा विभाग की तरफ से गई होगी।
इसको लेकर भी सौगातों की बाढ सोशल मिडिया पर दिखलाई दे रही है। पिलानी विधानसभा के आवाम के बीच आम चर्चा है कि इतनी सौगातो का बोझ कैसे सहन होगा।