जयपुर (श्रीराम इंदौरिया): सिंधी समाज का सांस्कृतिक और धार्मिक पर्व गोगिड़ो मंगलवार को श्रद्धा भाव से मनाया गया।समाज की महिलाओं ने भगवान शिव के प्रिय मास सावन में नाग पंचमी के अवसर पर गोगिड़ो वीर (नाग देवता) की पूजा कर घर परिवार की सुख समृद्धि की कामना की। ज्ञातव्य है कि भगवान शंकर के गले के हार नाग देवता हैं और भगवान विष्णु की शैय्या शेषनाग हैं। शेषनाग ने ही पृथ्वी को अपने मस्तक पर धारण कर रखा है। इन्हीं धार्मिक मान्यताओं के कारण नाग देवता का पूजन किया जाता है। समाज के तुलसी संगतानी ने बताया कि सुबह से ही शहर के झूलेलाल मंदिरों में महिलाएं छोटे छोटे समूहों में पहुंची। वहां गाय के गोबर और मिट्टी के नाग देवता बनाकर पूजा अर्चना की गई और एक दिन पूर्व बने ठंडे पकवानों का भोग लगाया गया। पूजन के बाद घरों में सकारात्मक ऊर्जा के लिए जल के छींटे छिड़के गए और ठंडे पकवानों का ही सेवन किया गया। भारत एक कृषि प्रधान देश है। नाग खेतों का रक्षण करते हैं, खेती को हानि पहुंचाने वाले कीट, चूहों आदि का भक्षण करते हैं। नाग देवता को कृषि के अनुकूल मानते हुए समाज पूजा करता रहा है। नाग पंचमी के अवसर पर कई श्रद्धालुओं ने सपेरों से नाग नागिन लेकर जंगलों में छोड़े। कई समाज बंधुओं ने शिव मंदिरों में ज्योतिष शास्त्र के अनुसार काल सर्प योग की पूजा की और शिव मंदिर में चांदी के नाग नागिन का जोड़ा अर्पित किया।
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