अलवर (ब्यूरो): भगवान जगन्नाथ की एक झलक पाने के लिए श्रद्धालुओं की नजरें रथ की ओर टिकी रही। भगवान जगन्नाथजी के जयकारों से वातावरण गु्ंजायमान होता रहा। यह नजारा शुक्रवार शाम सुभाष चौक जगन्नाथ मन्दिर से इंद्रविमान पर सवार होकर भगवान जगन्नाथ सैकड़ों बारातियों के साथ जानकी मैया को ब्याहने के लिए रूपबास स्थित रूपहरि मंदिर देर रात पहुंचने के दौरान नजर आया। अलवर के आराध्य भगवान जगन्नाथ शुक्रवार शाम 7.35 बजे सुभाष चाैक मंदिर से इंद्र विमान में विराजित हो जानकी से ब्याह करने निकले।दूल्हा बने जगन्नाथ के साथ 6 किलाेमीटर के रथयात्रा मार्ग में पूरा अलवर बाराती बन भजनों और बैंड-बाजों के साथ झूमते नाचते साथ चला। इस्कॉन की मंडली हरे कृष्ण, जय जगन्नाथ के जयकारे लगाती चली। मार्ग में कुल 52 मंदिरों पर जगन्नाथ जी की आरती उतारी गई। रात को भगवान जगन्नाथ रूपबास स्थित रुपहरि मंदिर पहुंचे, यहां सीताराम जी ने अपने देव की अगवानी की। वहीं भगवान का वरमाला महोत्सव धूमधाम से संपन्न हुआ, जिसमें जगन्नाथ जगदीश विवाह सूत्र बंधन में बंध गए। इससे पूर्व शाम को 6.10 बजे शुभ मुहूर्त में जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, एडीएम सहित अन्य अधिकारीयो ने गाेलक पूजन किया। शाम 6.25 बजे रथ पूजन हुआ। इधर, भगवान जगन्नाथ जी की प्रतिमा का दूल्हा रूप में सजाने के बाद लाल कारपेट पर होकर गर्भगृह से इंद्र विमान में विराजमान किया गया। रथयात्रा के दौरान इंद्र विमान नए कलेवर में नजर आया। इंद्र विमान को पुरी के जगन्नाथ रथ का लुक दिया गया। जगमगाते इंद्र विमान में भगवान जगन्नाथ के विग्रह की आरती उतारी गई, पुलिस के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। पुलिस बैंड की स्वरलहरियों के साथ इंद्र विमान रूपबास को रवाना हुआ। रथयात्रा धीमी गति से जैसे आगे बढ़ती गई, श्रद्धालु शामिल होते गए। रथयात्रा देखने के लिए सड़क के दोनों ओर तथा रथयात्रा मार्ग में आने वाली इमारतों की छतों झरोखों पर खड़े हुए थे। रथ यात्रा में सबसे आगे निशान लिए ऊंट व घुड़सवार, शहनाई वादक, ताशा पार्टी, नगाड़ा, भजन मंडली चलते रहे। जय जगन्नाथ हरे जय जगन्नाथ हरे गाती इस्कॉन मंडली के साथ गणेश जी, रामदरबार, शिव पार्वती की झांकी चली। इंद्र विमान के आगे सैनी घड़ियाल पार्टी चल रही थी। उल्लेखनीय है कि प्रतिवर्ष जिले के सबसे बड़े आयोजित होने वाले मेले में भगवान जगन्नाथ और माता जानकी के वरमाला महोत्सव को देखने के लिए न केवल अलवर बल्कि देश भर से श्रद्धालु विशेष तौर पर अलवर पहुंचते हैं।
जय जगदीश, जय जगदीश जानकी मैया जय जगदीश: भगवान जगन्नाथ-जानकी मैया का वरमाला महोत्सव हुआ धूमधाम से आयोजित
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July 06, 2025
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