झुंझुनूं (राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला): भगवान को अभिमान बिलकुल पसंद नहीं है, जो भी मानव अभिमान करता है, वह भगवान को कभी प्राप्त नहीं कर सकता है। भगवान ने चाहे राम के रूप में अवतार लिया, चाहे कृष्ण के रूप मे कभी भी अभिमानी व्यक्ति को अपना सखा मित्र अथवा सेवक नहीं बनाया। राम के रूप मे वानर,भालू, केवट को सखा सेवक बनाया। वही कृष्ण के रूप मे ग्वाल बाल, गरीब सुदामा को मित्र बनाया। इसलिए मनुष्य को सदैव अभिमान से दूर रहना चाहिए। उक्त विवेचना वाणी भूषण पंडित प्रभुशरण तिवाड़ी ने इंडाली के बुढिया बालाजी मंदिर में चल रही श्रीराम कथा मे केवट प्रसंग पर करी। तिवाड़ी ने भक्त एवं भक्ति की विवेचना भी की। इससे पूर्व राम वनवास के प्रसंग को विशद रूप से बताया गया। कथा से पूर्व पंडित सियाराम शास्त्री ने यजमान जयराम शर्मा को सपत्निक पूजन करवाया। कथा मे भगवान श्रीराम के बनवास की सजीव झाकी व सुमधुर कर्णप्रिय संगीत ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया। इस दौरान पुजारी सुनील शर्मा, पंडित रामरतन शर्मा, रामनाथ लाम्बा, नोरंग राम मीणा, रामकुमार मीणा, राजेश देग, रामनाथ लाम्बा, बजरंग सिंह शेखावत, गुलझारी लाल, ओमप्रकाश कम्पाउडर, महिपाल, माधोसिंह राजपूत सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु महिला पुरुष मौजूद रहे।
मनुष्य को सदैव अभिमान से दूर रहना चाहिए, अभिमानी व्यक्ति कभी ईश्वर को प्राप्त नही कर सकता: तिवाड़ी
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July 14, 2025
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