निवाई (लालचंद सैनी): सकल दिगंबर जैन समाज के तत्वावधान में अष्टान्हिका पर्व को लेकर सेठ छिगनलाल कपूरचंद काला बपूई वालों के चैत्यालय में श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान का समापन विश्व शांति महायज्ञ एवं हवन पूर्णाहुति के साथ सामूहिक कलशाभिषेक करके किया गया। जिसमें श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। जैन समाज के प्रवक्ता राकेश संघी व विमल जौंला ने बताया कि श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान में सर्वप्रथम सोधर्म इंद्र पूर्व चीफ जस्टिस नरेंद्र कुमार जैन काला, सच्ची इंद्राणी मधु जैन, नितिन काला, यज्ञ नायक शिखरचंद काला, धनपति कुबेर सुरेश कुमार काला व इशान इंद्र अजीत काला द्वारा भगवान चंद्र प्रभु का शांतिधारा के साथ कलशाभिषेक किया गया। तत्पश्चात नित्य नियम पूजा शुरू हुई, जिसमें नव देवता पूजा के साथ नंदीश्वर दीप की पूजा हुई। मूलायक चंद्रप्रभु पूजा करके हवन कुंड में आहुतियां दी गई। संघी ने बताया कि विश्व शांति महायज्ञ में प्रथम हवन कुंड पर शोधर्म इंद्र अपने परिवार के साथ हवन कुंडों में देशी घी, चन्दन लकड़ी, धूप व खोपरा से आहुतियां दी। द्वितीय कुंड पर यज्ञ नायक धनपति कुबेर इशान इंद्र सानंत कुमार इंद्र ने आहुतियां दी। विधानाचार्य पंडित सुरेश कुमार के शास्त्री द्वारा हवन कुण्ड में शुद्ध मंत्रोंच्चारण के साथ विश्व शांति माहयज्ञ से पूर्व हवन कुंड के चारों दिशाओं में दीपक से स्थापना की गई। हवन कुंड को रंगोली से सजाया गया। ज्ञानचंद सोगानी व रिंकू झांझरी ने बताया कि शुक्रवार को हवन कुंड के बाद भगवान चंद्र प्रभु का सामूहिक कलशाभिषेक के बाद विधान पुन्यार्जक परिवार शिखरचंद काला एवं पूर्व चीफ जस्टिस नरेंद्र कुमार जैन काला ने विधान में बेठने वाले एवं कार्य करने वाले सभी श्रद्धालुओं का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर अशोक कटारिया, सुनिल भाणजा, महावीर प्रसाद पराणा, हेमचंद संघी, ज्ञानचंद सोगानी, पवन सांवलिया, सुशील गिदोडी, मनोज पाटनी, विमल सोगानी, पदमचन्द टोंग्या, त्रिलोक रजवास व रमेश संघी सहित कई श्रद्धालु मौजूद थे।
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