विधि एवं न्याय मंत्रालय ने पिछले 3 साल में राष्ट्रीय लोक अदालतों में 23 करोड़ से अधिक मामलों का किया निस्तारण: सांसद मदन राठौड़

AYUSH ANTIMA
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जयपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विधि एवं न्याय मंत्रालय की ओर से समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को न्याय दिलाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण का गठन किया। प्राधिकरण की ओर से किसी भी नागरिक को आर्थिक या अन्य अक्षमताओं के आधार पर न्याय से वंचित नहीं किया जाए, इसकी समूचित व्यवस्था की जा रही है। मंत्रालय की ओर से पिछले तीन वर्षों में 23 करोड़ से अधिक मामलों का निस्तारण राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से किया, वहीं करीबन 34 लाख राज्य लोक अदालत और 6 लाख 41 हजार स्थायी लोक अदालतों में मामलों का निस्तारण कर लोगों को राहत प्रदान की गई। राज्यसभा सांसद एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ के सवाल के जवाब में विधि और न्याय मंत्रालय के राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार अर्जुनराम मेघवाल ने सदन में यह जानकारी दी। राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ ने बताया कि विधिक सेवा प्राधिकरणों द्वारा राज्य, जिला और तहसील स्तर पर विधिक सहायता और परामर्श देकर जरूरतमंदों को कानूनी सहायता मुहैया कराई जा रही है। प्राधिकरणों द्वारा बच्चों, श्रमिकों, आपदा पीड़ितों, एसटी—एससी और दिव्यांगजनों से संबंधित विविध विधियों एवं योजनाओं के प्रति देशव्यापी विधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। पिछले तीन वर्षों में 13 लाख 83 हजार विधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें 14 करोड़ 96 लाख 72 हजार व्यक्ति उपस्थित होकर लाभान्वित हुए। राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से वर्ष 2023—24 में विधिक सहायता प्रतिवादी काउंसल प्रणाली योजना का कार्यान्वयन भी राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से किया जा रहा है। मंत्रालय की ओर से देशभर के 662 जिलों में विधिक सहायता प्रतिवादी काउंसलों के कार्यालय कार्यरत है। पिछले 2 वर्षों में 8 लाख 69 हजार मामले विधिक सहायता प्रतिवादी काउंसलों को सुपुर्द किए गए, इनमें से 5 लाख 85 हजार मामले निस्तारित किए गए।

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