महिला जागरूकता शिविर में दी सुरक्षात्मक प्रावधानों एवं पॉश सहित विभिन्न कानूनो की जानकारी

AYUSH ANTIMA
By -
0


अलवर (ब्यूरो): दलित अधिकार केन्द्र के तत्वाधान में ईन्द्रा कॉलोनी, बहाला में सुरक्षात्मक प्रावधानों एवं कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 पर महिला जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में केंद्र के जिला समन्वयक शैलेष गौतम ने केंद्र का परिचय देते हुए कहा कि भारतीय संविधान में महिलाओं को पुरुषों के समान ही बराबर के शारीरिक अखंडता, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक अधिकार दिए गए हैं। महिलाओं पर बढ़ते अत्याचारों व भेदभाव के संबंध में महिलाओं को शिक्षित होकर अपने अधिकारों को जानना बेहद जरूरी है। उन्होंने भारतीय संविधान, मौलिक अधिकारों, राज्य के नीति निदेशक तत्व, अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति विकास निधि (योजना, आवंटन एवं वित्तीय संसाधनों का उपयोग) अधिनियम 2022, भारतीय न्याय संहिता, एससी एसटी एक्ट 1989, घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 तथा केंद्र की सुरक्षात्मक नीतियों के बारे में विस्तृत रूप से बताया। दलित महिला मंच की सुशीला रानी ने महिला अधिकारों के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि कोई भी महिला चाहे वह घास काटती हो या सब्जी बेचकर या अन्य मजदूरी करती हो, उसको धनी एवं ऊंची जाति की महिला के समान ही स्वतंत्रता से जीवन बिताने तथा समाज में समान हक प्राप्त करने के संवैधानिक अधिकार प्रदत्त है। उन्होंने महिलाओं को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 एवं कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 आदि कानूनों के बारे में भी विस्तृत रूप से बताया। पुष्पा देवी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने आंगनबाड़ी के माध्यम से दी जाने वाली संबल योजना सहित अन्य योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए दलित महिला आंदोलन के बारे में बताया। सामाजिक कार्यकर्ता सुनील कुमार ने अंधविश्वास से दूर होकर शिक्षा की ओर बढ़ने की बात कही। मौके पर दलित महिलाओं ने आंगनबाड़ी केंद्र के पास व सामुदायिक भवन पर शराबियों के जमावड़े एवं अवैध शराब बिक्री पर भी रोक लगवाने की बातें कहीं।
Tags:

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!