झुंझुनूं (राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला): झुंझुनूं जिले के चिङावा शहर में स्थित भैयां का मन्दिर ग्राम देवता भोमिया का ही मन्दिर है, जो कालांतर में बोलते-बोलते भोमिया का अपभ्रंश होकर भैयां के नाम से चिङावा में जाना जाने लगा।
अन्वेषी लेखक महेश कुमार शर्मा "आजाद" ने उपरोक्त जानकारी देते हुए बताया कि चिङावा के श्रीमालो के मोहल्ले में स्थित उक्त मन्दिर लगभग दो सौ साल पुराना है। इस मन्दिर की स्थापना खेतङी ठिकाना के दीवान सांवतराम श्रीमाल द्वारा की गई थी। बाद में चिङावा निवासी तथा मुंबई प्रवासी खींवसीका परिवार द्वारा उक्त मन्दिर का जिर्णोद्धार कराया गया। इस मन्दिर में चिङावा के सभी जाति-वर्गों के नव दंपती द्वारा धोक लगाकर सोट-सोटकी खेलने की मारवाड़ी परम्परा निभाई जाती है। विदित हो कि 25 अगस्त 2010 से लगातार ग्यारह वर्षों तक महावीर प्रसाद कुशलचंद श्रीमाल द्वारा इस मन्दिर में अखण्ड ज्योति जारी रखी गई। होली व दीपावली पर श्रीमाल परिवार द्वारा भोमिया/भैयां जी की मूर्ति के चाॅंदी के वर्क में अंगवस्त्र की रचना की जाती है तथा शिखर पर ध्वज चढ़ाया जाता है।